Diwali 2025: दीपावली का पर्व हर साल लोगों में एक विशेष उमंग और उल्लास लेकर आता है। इस वर्ष भी श्रीनगर गढ़वाल में लोग दीपावली को लेकर बेहद उत्साहित हैं, लेकिन तिथि को लेकर इस बार थोड़ी असमंजस बनी हुई है। लोगों में यह भ्रम है कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाए या फिर 1 नवंबर को। इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ईटीवी भारत ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के सहायक प्रोफेसर और ज्योतिषाचार्य, डॉक्टर बालकृष्ण बधाणी से खास बातचीत की, जिनके अनुसार इस साल दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनानी चाहिए।
क्यों हो रहा है तिथि को लेकर भ्रम?
इस वर्ष कार्तिक अमावस्या का काल खंड 31 अक्टूबर को सायं 3 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर सायं 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसका मतलब है कि अमावस्या का समय 31 अक्टूबर और 1 नवंबर, दोनों ही दिनों में आ रहा है। ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या के रात्रिकालीन समय को विशेष महत्व दिया जाता है और दीपावली एक रात्रि का त्योहार है, इसलिए ज्योतिषाचार्य डॉ. बधाणी के अनुसार, 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाना सबसे उचित रहेगा।
दीपावली के शुभ मुहूर्त – कब करें लक्ष्मी पूजा और दीपदान?
डॉ. बालकृष्ण बधाणी ने बताया कि इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को सायं 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में देवी लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत फलदायक माना जाएगा। इसके साथ ही दीपदान का सही समय भी 31 अक्टूबर को ही रहेगा, और इसी दिन दीपदान करने से घर में धन और समृद्धि का आगमन होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस तिथि निर्धारण के लिए वे काशी के प्रसिद्ध हृषिकेश पंचांग का अनुसरण कर रहे हैं।
दीपावली पर क्या खरीदें – लक्ष्मी के आगमन के लिए शुभ वस्त्रों की सूची
डॉ. बधाणी ने दीपावली की तैयारियों को लेकर कुछ खास वस्त्र खरीदने की सलाह दी है। उनके अनुसार, इस दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है, और यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में भी सहायक होता है। इसके अतिरिक्त, सोने, चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदना भी अत्यंत शुभ माना गया है। उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन इन चीजों की खरीदारी करने से घर में समृद्धि का प्रवाह होता है।
दीपावली की परंपराओं का पालन और ज्योतिषीय मान्यता
ज्योतिषीय दृष्टि से दीपावली को रात्रि के समय मनाने की परंपरा रही है, और अमावस्या का समय खासतौर पर लक्ष्मी पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। डॉ. बधाणी ने बताया कि इस साल 31 अक्टूबर को ही अमावस्या का रात्रि समय है, इसलिए इस दिन ही दीपावली मनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विशेष तिथि को पूजन करने से घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है।