नई दिल्ली: आयुष्मान खुराना बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी अलग-अलग मूवी कंटेंट को लेकर जाने जाते है. वो जनता के बीच हमेशा कुछ अलग परोसने (Doctor G Film Review) का प्रयास करते हैं. जेंडर इक्वालिटी हमेशा ही डिबेटेबल विषय बना रहता है. एजुकेशन का फील्ड भी इससे अछूता नहीं है. मर्दों और औरतों को क्या पढ़ाई करनी चाहिए, इसका निर्णय भी सोसायटी द्वारा खींचे दायरे में रहकर ही लेना पड़ता है.
समाज के अनछुए पहलुओं को दर्शाती है फिल्म
अगर कोई लड़का गाइनोकॉलजिस्ट और लड़की सीविल इंजीनियर करना चाहती हैं, तो उसकी चॉइस को जज किया जाता है. कुछ ऐसी ही मुद्दों पर डॉक्टर जी की कहानी का ताना- बाना बुना गया है. हमेशा समाज के अनछुए पहलुओं पर बनी फिल्मों में दिखने वाले बालीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म ‘डाक्टर जी’ (Doctor G Film Review) शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है।
फिल्म के ट्रेलर (Doctor G Film Review) में दिखाया जा रहा है कि किस तरह एक पुरुष गाइनी डाक्टर को महिलाओं का इलाज करने और महिलाओं को उनसे इलाज करवाने में समस्याएं आती हैं। फिल्म बेशक सन 2022 में रिलीज हो रही है, लेकिन आगरा के एक डाक्टर परिवार में यह कहानी 1921 में ही लिख दी गई थी. मल्होत्रा परिवार के चार पुरुष पिछले 101 सालों से गायनाकोलोजी के क्षेत्र में सिर्फ डाक्टर बनकर महिला मरीजों का इलाज रहे हैं और अब तक हजारों बच्चे इस दुनिया में ला चुके हैं।
क्या है मेल टच का सही मतलब?
‘अगर तुम्हें अच्छा गाइनेकॉलजिस्ट बनना है, तो अपना मेल टच छोड़ना होगा’ फिल्म ‘डॉक्टर जी’ में आयुष्मान की सीनियर डॉक्टर जब उसे कॉलेज की शुरुआत में ऐसा कहती है, तो उसे समझ नहीं आता कि आखिर एक पुरुष कैसे अपना मेल टच छोड़ सकता है। लेकिन जब फिल्म के आखिर में उसको मेल टच का सही मतलब समझ आता है, तो वह अपने साथ तमाम दूसरे मर्दों को भी मेल टच छोड़ने का सबक सिखा जाता है।
अपनी ‘बरेली की बर्फी’, ‘बधाई हो’ और ‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी फिल्मों से लीक से हटकर विषयों पर बनी कॉमेडी फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाने वाले आयुष्मान खुराना (Doctor G Film Review) एक बार फिर लीक से हटकर विषय पर बनी फिल्म ‘डॉक्टर जी’ में मजेदार कॉमेडी से न सिर्फ दर्शकों को गुदगुदाते हैं, बल्कि इसके माध्यम से जिंदगी के सबक भी सिखाते नजर आते हैं। आयुष्मान खुराना अपने रोल में परफेक्ट नजर आते हैं। वहीं रकुलप्रीत सिंह ने मजेदार कॉमेडी में उनका पूरा साथ दिया है। शेफाली शाह हमेशा की तरह जानदार रोल में नजर आईं, तो शीबा चड्ढा ने अकेली मां के रोल को भरपूर जिया है। फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है।
फिल्म डॉक्टर जी की कहानी
फिल्म की कहानी का अनुसार, डॉक्टर उदय गुप्ता (आयुष्मान खुराना) भोपाल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. वह अपनी मां लक्ष्मी देवी (शीबा चड्ढा) के साथ रहता है, जबकि उसके पिता उसके पैदा होने से पहले ही गुजर चुके हैं। बचपन से उदय का सपना अपने कजिन भाई (Doctor G Film Review) की तरह ऑर्थोपेडिक डॉक्टर बनने का है, लेकिन रैंक कम आने के चलते उसे गाइनेकॉलजी ब्रांच लेनी पड़ती है। हाल ही में अपनी पहली गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंचे उदय की मुलाकात फातिमा (रकुलप्रीत सिंह) से होती है।
हालांकि, फातिमा की शादी पहले से ही आरिफ से तय हो चुकी होती है, बावजूद इसके उदय उसको चाहने लगता है। हालांकि उदय की ऑर्थोपैडिक ब्रांच लेने की चाहत अभी भी कम नहीं होती और वह अगले साल ज्यादा नंबर लाकर गाइनेकॉलजी से निकलने की तैयारियों में जुटा रहता है। लेकिन उसकी सीनियर डॉक्टर नंदिनी श्रीवास्तव (शेफाली शाह) उसे गाइनेकॉलजी में मेहनत करके इसी में अपना फ्यूचर बनाने की सलाह देती है। गर्लफ्रेंड और करियर की चुनौतियों से जूझ रहा उदय घर पर अपनी मां से भी परेशान रहता है, जो कि अकेलेपन के चलते कभी यूट्यूब चैनल पर रेसिपी के विडियो अपलोड करती है, तो कभी डेटिंग वेबसाइट पर अपने लिए साथी तलाशती है। इसी बीच उसकी जिंदगी में एक भूचाल आता है, जो कि उसे पूरी तरह बदल देता है।