PM Modi’s Signs & Gifts E-auction: भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की एक उत्कृष्ट श्रृंखला की ई-नीलामी का आयोजन कर रहा है, जो 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक चलेगी।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में होने वाली इस नीलामी के बारे में मीडिया को जानकारी दी और कहा कि यह असाधारण संग्रह भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता, इतिहास और राजनीति की समृद्ध ताने-बाने को दर्शाता है। 600 से अधिक वस्तुओं वाली यह भव्य नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी और आम जनता के लिए खुली रहेगी। इस उल्लेखनीय आयोजन में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट: https://pmmementos.gov.in/ के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं और भाग ले सकते हैं।
नीलामी का एक मार्मिक हिस्सा भारत के वीर योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता है, जो हमारे देश के इतिहास के गौरवशाली अध्यायों का जश्न मनाता है। मंत्री ने बताया कि नीलामी की एक प्रमुख विशेषता पैरालंपिक खेलों, 2024 की खेल यादगार वस्तुएँ हैं।
मंत्री ने आगे कहा कि जनवरी 2019 में शुरू की गई प्रधानमंत्री स्मृति चिन्हों की सफल नीलामी की श्रृंखला में यह छठा संस्करण है। इन नीलामियों ने पांच संस्करणों में 50 करोड़ से अधिक की राशि अर्जित की है। मंत्री ने कहा कि पिछले संस्करणों की तरह, नीलामी के इस संस्करण से प्राप्त आय भी नमामि गंगे परियोजना में योगदान देगी, जो कि हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा के संरक्षण और पुनरुद्धार और इसके नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए समर्पित केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है। मंत्री ने कहा कि इस नीलामी से उत्पन्न धनराशि इस योग्य उद्देश्य को समर्थन प्रदान करेगी और हमारे पर्यावरण को संरक्षित करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी। मंत्री ने लोगों से ई-नीलामी में भाग लेने का आग्रह किया क्योंकि यह एक महान उद्देश्य की पूर्ति करेगी और लोक कल्याण में योगदान देगी।
पेश की गई वस्तुओं में पारंपरिक कला के विभिन्न रूप शामिल हैं, जिनमें जीवंत चित्रकारी, जटिल मूर्तियां, स्वदेशी हस्तशिल्प, आकर्षक लोक और आदिवासी कलाकृतियाँ शामिल हैं। इन खज़ानों में पारंपरिक रूप से सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में दी जाने वाली वस्तुएँ शामिल हैं, जिनमें पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, सिर की टोपियाँ और औपचारिक तलवारें शामिल हैं।
खास बात यह है कि धार्मिक कलाकृतियों का संग्रह है, जिसमें अयोध्या में श्री राम मंदिर और द्वारका में श्री द्वारकाधीश जैसे मंदिरों के मॉडल शामिल हैं। इसके अलावा, नीलामी में हिंदू देवी-देवताओं की शानदार मूर्तियाँ भी शामिल हैं, जो इस शानदार प्रदर्शनी में आध्यात्मिक आयाम जोड़ती हैं।
इस संग्रह में पिछवाई पेंटिंग और कई अन्य कलाकृतियाँ शामिल हैं। खादी शॉल, सिल्वर फिलिग्री, माता नी पचेड़ी कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय वस्तुएँ इस संग्रह को और भी समृद्ध बनाती हैं, जो भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (NGMA) में प्रख्यात रेत कलाकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित श्री सुदर्शन पटनायक द्वारा रेत कला के एक विशेष प्रदर्शन सह निर्माण का भी उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर आयोजित विषयगत उत्सव का हिस्सा है, जो भारत के प्रधानमंत्री के जन्मदिन का भी प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर श्री पटनायक ने रेत और 2,000 मिट्टी के दीयों की एक श्रृंखला का उपयोग करके एक असाधारण मूर्ति तैयार की है। यह स्थापना विश्वकर्मा की भावना का जश्न मनाती है और “विकसित भारत” (Developed India) की थीम को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करती है। कलात्मकता और प्रतीकात्मकता का यह आकर्षक मिश्रण उत्सव का मुख्य आकर्षण बनने का वादा करता है, जो न केवल श्री पटनायक की उत्कृष्ट शिल्प कौशल को दर्शाता है, बल्कि “विकसित भारत” की आकांक्षा को रेखांकित करने वाले गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक लोकाचार को भी दर्शाता है।