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Elephants create havoc in Gadowali village : हरिद्वार के गाडोवाली गांव में हाथियों का उत्पात, वन विभाग के इंतजाम नाकाफी

हरिद्वार के गाडोवाली गांव में हाथियों का उत्पात, वन विभाग के इंतजाम नाकाफी

Elephants create havoc in Gadowali village : राजाजी नेशनल पार्क से सटे हरिद्वार के गाडोवाली गांव में हाथियों के झुंड ने दहशत फैला दी है। ग्रामीण इलाकों में दिन के उजाले में हाथियों की चहलकदमी ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में हाथियों का एक बड़ा झुंड खेतों और घरों के आसपास देखा गया, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। वन विभाग को सूचना मिलने के बाद काफी मशक्कत के बाद इन हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा गया।

ग्रामीणों में बढ़ा डर


गाडोवाली के निवासी इन दिनों हाथियों के बढ़ते आतंक से परेशान हैं। जहां पहले हाथियों का आगमन मुख्यतः रात में होता था, अब दिन में भी उनकी मौजूदगी देखी जा रही है। यह न केवल सुरक्षा का सवाल है, बल्कि ग्रामीणों की फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। खेतों में खड़ी फसलें, जो इन लोगों के लिए आजीविका का मुख्य साधन हैं, हाथियों के चलते बर्बाद हो रही हैं।

स्थानीय निवासी सुरेश कुमार ने बताया, “हम हर समय डर के साए में जी रहे हैं। रात में तो हम किसी तरह अपने घरों में बंद हो जाते थे, लेकिन अब दिन में भी हाथियों का डर बना रहता है। हमारी फसलें तबाह हो रही हैं, और प्रशासन से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।”

वन विभाग की प्रतिक्रिया


घटना के बाद हरिद्वार के रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि वन विभाग क्षेत्र में लगातार क्विक रिस्पांस टीमें तैनात कर रहा है। इन टीमों का काम दिन-रात गश्त कर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ना है। नेगी ने बताया, “जैसे ही हमें हाथियों के गांव में प्रवेश की सूचना मिली, हमारी टीम ने तुरंत कार्रवाई की और हाथियों को वापस जंगल में खदेड़ा।”

उन्होंने यह भी बताया कि हाथियों की बढ़ती गतिविधि के मद्देनजर ग्रामीणों के साथ कई बैठकें की गई हैं। इन बैठकों में उन्हें खेती के तरीकों में बदलाव करने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि चावल और गन्ने जैसी फसलें हाथियों को आकर्षित करती हैं। यदि किसान इनकी जगह ऐसी फसलें उगाएं जो हाथियों को आकर्षित न करें, तो इस समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है।

ग्रामीणों का आरोप


हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि वन विभाग की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग हाथियों को खदेड़ने के लिए तात्कालिक कार्रवाई करता है, लेकिन जंगली जानवरों को गांव में प्रवेश से रोकने के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल रहा।

गांव के निवासी रीना देवी ने कहा, “हमें वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीमों पर भरोसा नहीं है। वे आते हैं, हाथियों को भगाते हैं, और फिर चले जाते हैं। लेकिन समस्या हर दिन बढ़ रही है। हमें दीर्घकालिक समाधान चाहिए।”

प्रशासन से मदद की गुहार



ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि हाथियों और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए ठोस उपाय किए जाएं। उन्होंने गांव के चारों ओर मजबूत बाड़ लगाने और फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करने की मांग की है।

इस घटना ने राजाजी नेशनल पार्क से सटे इलाकों में जंगली जानवरों और मानवों के बढ़ते संघर्ष को फिर से उजागर कर दिया है। जहां एक ओर वन विभाग हाथियों को खदेड़ने का काम कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा और आजीविका के लिए हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

वन्यजीव-मानव संघर्ष पर विशेषज्ञों की राय


वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल ग्रामीणों और वन विभाग के बीच बेहतर समन्वय और जागरूकता अभियान से हो सकता है। राजाजी नेशनल पार्क जैसे संरक्षित क्षेत्रों के पास रहने वाले लोगों को वन्यजीवों के व्यवहार और उनके आवासीय क्षेत्रों में हस्तक्षेप को समझने की जरूरत है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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