नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा हड़प्पाकालीन शहर की खुदाई के दौरान हिसार के गांव राखीगढ के 3 टीलों की खुदाई में पांच हजार साल पुराने शहर होने के सबूत मिले हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि खुदाई के दौरान इस प्राचीन शहर की तत्कालीन सभ्यता, रहन सहन, रीति-रिवाजों, खान पान के सबूत मिले हैं।
भारतीय पुरातत्व विभाग के शोधकर्ता कुमार सौरभ का कहना है कि यह लुप्त शहर सरस्वती की सहायक नदी इश्वद्वती के किनारे बसा था। इसकी क्रमिक विकास संबंधी जानकारी टीला नं.3 की खुदाई में मिलता है। भारतीय पुरातत्व के अनुसार यहां 11 टीलों की खुदाई का काम होना है।
शोधकर्ता कुमार सौरभ का दावा है कि हिसार के गांव राखीगढ के 3 टीलों की पुरातात्विक खुदाई में पांच हजार साल पुराने शहर के घरों की ईंटें, नालियां, पानी के निकासी संबंधी व्यवस्था का पता चलता है। इन तीनों टीलों की खुदाई में तत्कालीन मिट्टी के बर्तन, विशेष किस्म का चूल्हा, खिलौने, तांबे का आईना, सड़क, आभूषण, शव को रखने वाले ताबूत और शवों के अंतिम संस्कार में प्रयोग की जाने वाले वस्तुओं आदि के अवशेष मिले हैं।
और पढ़े- ताजमहल के बंद 22 कमरे खुलवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
कुमार सौरभ का कहना है कि पुरातात्विक खुदाई में जो सबूत मिल रहे हैं, उनसे पांच हजार साल पुराने लोगों के जीवन शैली, खान-पान, रीति रिवाजों को समझने में काफी मद्द मिल रही है। उन्हें उम्मीद है कि इन टीलों की खुदाई में हड़प्पाकालीन सभ्यता के तमाम दूसरे पहलुओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।