MP News: डर हुआ कम, पर सफर अब भी मुश्किल — 30 मई तक जम्मू जाना चुनौती भरा!
हाल ही में केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से यह दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में अब आतंक और भय का माहौल लगभग खत्म हो चुका है। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई, कठोर नीति और जनता के सहयोग से जम्मू क्षेत्र में स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई है।
MP NEWS: हाल ही में केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से यह दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में अब आतंक और भय का माहौल लगभग खत्म हो चुका है। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई, कठोर नीति और जनता के सहयोग से जम्मू क्षेत्र में स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई है। लेकिन इसके बावजूद 30 मई तक जम्मू की यात्रा करना आम नागरिकों और यात्रियों के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
सुरक्षा बलों का बढ़ा आत्मविश्वास
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। सीमा पर सख्ती, अंदरूनी इलाकों में सर्च ऑपरेशन्स और स्थानीय सहयोग से हालात नियंत्रण में हैं। हाल ही में कई बड़े आतंकियों के मारे जाने और नेटवर्क के ध्वस्त होने की खबरें भी सामने आई हैं। इसके चलते सरकार का मानना है कि अब ‘डर का माहौल’ बीते दिनों की बात हो चुका है।
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फिर क्यों मुश्किल है जम्मू की यात्रा?
हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के दावों के बावजूद ज़मीनी हालात कुछ और ही तस्वीर पेश करते हैं। 30 मई तक जम्मू जाने वालों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है
यात्रा पर सख्त निगरानी: जम्मू में अभी भी कई ऐसे संवेदनशील इलाके हैं जहां आम नागरिकों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा रही है। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जांच हो रही है जिससे यात्रा समय लंबा हो रहा है।
अस्थायी प्रतिबंध और चेकपॉइंट्स: जगह-जगह सुरक्षा चेकपॉइंट्स बनाए गए हैं जहां पर यात्रियों की गहन तलाशी ली जा रही है। इससे भी सफर सुस्त और थका देने वाला बन जाता है।
सार्वजनिक परिवहन की कमी: सुरक्षा कारणों से कई बस और टैक्सी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद या सीमित कर दी गई हैं, जिससे आम लोगों के लिए जम्मू पहुँचना मुश्किल हो गया है।
अफवाहों और डर का असर: सोशल मीडिया और कुछ स्थानीय स्रोतों से मिलने वाली अफवाहों के कारण कई लोग अब भी यात्रा को लेकर चिंतित हैं। भय का माहौल भले ही सरकारी स्तर पर कम हुआ हो, लेकिन जनमानस में पूरी तरह विश्वास बहाल नहीं हो पाया है।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। ड्रोन सर्विलांस, CCTV कैमरे, स्पेशल टास्क फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती जैसे उपाय किए जा चुके हैं। इसके अलावा यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी परेशानी की स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।
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आम जनता की राय
स्थानीय निवासियों का मानना है कि अब पहले जैसा डर नहीं रहा, लेकिन अभी भी सतर्कता जरूरी है। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “हमने बहुत बुरा वक्त देखा है, अब हालात सुधर रहे हैं लेकिन पूरी तरह से निश्चिंत नहीं हो सकते।” वहीं कुछ यात्रियों ने कहा कि जब तक यात्रा में पूरी सहजता नहीं आएगी, तब तक मुश्किलें बनी रहेंगी।
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हालांकि सुरक्षा बलों और सरकार ने यह भरोसा दिलाया है कि जम्मू अब पहले की तरह खतरनाक नहीं रहा, लेकिन 30 मई तक की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को पूरी सावधानी और योजना के साथ ही यात्रा करनी चाहिए। डर का माहौल जरूर कम हुआ है, लेकिन असुविधाएं और सुरक्षा जांच के चलते यह सफर अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन और आम जनता दोनों को मिलकर ही इसे पूरी तरह सुरक्षित और सहज बनाना होगा।
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