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Gurugram Factory Fire News: आग बुझाने का यंत्र बनाने वाली फैक्ट्री जलकर खाक

Fire extinguisher manufacturing factory burnt down

Gurugram Factory Fire News: गुरुग्राम के दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र (Daulatabad Industrial Area) में शुक्रवार 21 जून की देर रात एक भीषण धमाके के बाद आग लग गई। इस हादसे में 2 मजदूरों की जलकर मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रात से ही 10 से ज्यादा फायर ब्रिगेड (fire brigade) की गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं।

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात 2 बजे फैक्ट्री में आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि लपटें 3 किलोमीटर दूर तक दिखाई दे रही थीं। आग की लपटें और धमाका इतना तेज था कि घटनास्थल से 100 मीटर से भी ज्यादा दूर आसपास की फैक्ट्रियों में कुछ लोग पड़े मिले। पुलिस (Police) और फायर ब्रिगेड की टीमें (Fire brigade teams) अभी भी अंदर फंसे लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं। इस हादसे में भारी भरकम लोहे के गाटर, एंगल और लोहे की भारी चादरें आसपास की 10 से ज्यादा फैक्ट्रियों पर गिर गईं। इसमें भी भारी नुकसान हुआ है।

घटना की जानकारी मिलने के बाद सुबह मौके पर पहुंचे डीसीपी करण गोयल (DCP Karan Goyal) ने पुष्टि की कि इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई है और 6 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 2 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।

उद्यमियों की आशंका सच साबित हुई

बता दें कि 15 जून को ही फायर एनओसी (Fire NOC) न मिलने से गर्मी में आग लगने की उद्यमियों की चिंता से संबंधित खबर प्रकाशित की थी। दरअसल, गुरुग्राम औद्योगिक क्षेत्र (Gurugram Industrial Area) समेत शहर के कई उद्योग फायर एनओसी न मिलने से गर्मी में आग लगने की चिंता में रहते हैं। नगर निगम के दोहरे मापदंड के कारण उद्यमी लंबे समय से परेशानी झेल रहे हैं। वहीं, आग लगने की घटनाओं के बाद बीमा कंपनियां (insurance companies) नगर निगम के अग्निशमन विभाग द्वारा दी जाने वाली फायर एनओसी न मिलने का हवाला देकर उद्योगों को आग से हुए नुकसान की भरपाई नहीं करती हैं।

चार औद्योगिक क्षेत्रों में एक हजार फैक्ट्रियां: गुरुग्राम शहरी क्षेत्र में दौलताबाद, बसई, कादीपुर व बहरामपुर औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां नई औद्योगिक इकाइयां नगर निगम की फायर एनओसी के मानदंडों का पालन कर रही हैं। इसमें औद्योगिक परिसर में अग्निशमन यंत्र रखने के अलावा फायर हाइड्रेंट या पानी की टंकी व पंप की व्यवस्था करनी होती है। औद्योगिक परिसर में अग्नि सुरक्षा संबंधी पाइपलाइन भी बिछानी होती है। निगम से भवन पूर्णता प्रमाण पत्र लेना भी जरूरी होता है। नगर निगम शुरुआत में उद्योगों को एक साल के लिए प्रोविजनल फायर एनओसी देता है। इसके बाद उन्हें स्थायी फायर एनओसी मिल जाती है।

निगम अवैध क्षेत्र बताकर सुविधाएं नहीं देता

पुराने उद्योग नगर निगम के औद्योगिक सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा के निर्धारित मानकों का पालन कर रहे हैं। इसमें ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। ऐसे में अगर पुराने उद्योग अग्नि सुरक्षा निगम के निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं तो उन्हें 5 से 30 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। दौलताबाद को वर्ष 2012 के मास्टर प्लान में शामिल किया गया था। वर्ष 2017 तक उद्योगों के मानचित्र की स्वीकृति, फैक्ट्री लाइसेंस, फायर एनओसी दी जाती थी। वर्ष 2018 से इन सभी को अवैध क्षेत्र बताकर बंद कर दिया गया। इसी तरह बसई, कादीपुर और बहरामपुर क्षेत्र भी हैं।

बिल्डिंग कम्पलीशन सर्टिफिकेट के कारण नहीं मिलती एनओसी

नगर निगम चारों औद्योगिक क्षेत्रों को अवैध क्षेत्र बताकर एनओसी नहीं देता है। इसके कारण इन क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए नक्शे पास नहीं होते। फैक्ट्री लाइसेंस से लेकर फायर एनओसी तक कुछ नहीं मिलता। उद्यमियों का आरोप है कि नगर निगम कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स तो ले लेता है, लेकिन एनओसी नहीं देता। ऐसे में उद्यमी आग लगने की घटनाओं से परेशान हैं।

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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