Jammu and Kashmir Assembly Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में रविवार रात 25 अगस्त को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई, जीसमें कई बड़े फैसले लिए गए।
इस सिलसिले में तय हुआ कि पार्टी के शीर्ष नेता जम्मू-कश्मीर में आठ रैलियां करेंगे। इसके अलावा पार्टी ने यह भी तय किया है कि वह इस चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। वह कश्मीर घाटी की उन विधानसभा सीटों पर मजबूत निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी जहां पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी।
पहली सूची में करीब 50 नाम हो सकते हैं
खबर यह भी है कि रविवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई भारतीय जनता पार्टी (BJP) केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहले चरण के लिए सभी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। पार्टी आज रात यानी सोमवार 26 अगस्त या कल सुबह तक इन नामों की घोषणा कर सकती है। सबसे पहले जम्मू क्षेत्र के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक पहली सूची में 40 से 50 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे।
चुनाव समिति की बैठक में कौन-कौन मौजूद थे?
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य सुधा यादव, इकबाल सिंह लालपुरा, वनथी श्रीनिवासन, जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ, सह प्रभारी आशीष सूद, प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना, राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना, लोकसभा सांसद जुगल किशोर, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर संगठन महासचिव अशोक कौल और देवेंद्र राणा भी मौजूद रहे। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भाजपा के चुनाव प्रभारी राम माधव और जी किशन रेड्डी सोमवार 26 अगस्त 2024 को राज्य में पहुंचेंगे।
3 चरणों में मतदान, 4 अक्टूबर को नतीजे
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस समय यह राज्य केंद्र शासित प्रदेश नहीं था। उस चुनाव में पीडीपी ने 28 सीटें जीती थीं, भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटें जीती थीं, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। बाद में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई थी।