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First yoga policy in Uttarakhand: उत्तराखंड में देश की पहली योग नीति लागू करने की तैयारी, आयुष हब बनने की ओर कदम

First yoga policy in Uttarakhand: Preparation to implement the country's first yoga policy in Uttarakhand, steps towards becoming an AYUSH hub

First yoga policy in Uttarakhand: उत्तराखंड राज्य में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश की पहली योग नीति का मसौदा तैयार हो चुका है, और सरकार जल्द ही इसे लागू करने की तैयारी में है। इस नीति का उद्देश्य न केवल राज्य को आयुष हब के रूप में विकसित करना है, बल्कि योग, नेचुरोपैथी और अध्यात्म के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ाना है। इस नीति के तहत योग शिक्षण संस्थान खोलने के लिए ₹20 लाख तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी और इस क्षेत्र में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाएगा।

योग नीति से रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड सरकार राज्य को “आयुष हब” बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस योजना के तहत प्रदेश में नए पर्यटन स्थलों के आसपास योग, आयुर्वेद और वेलनेस केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे न केवल राज्य का पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विशेष रूप से योग, नेचुरोपैथी और अध्यात्म के लिए ढांचा तैयार किया जाएगा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें और लोग योग से जुड़े कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।

योग नीति में प्रमुख प्रावधान

विदेशी पर्यटकों के लिए प्रशिक्षण सुविधा : उत्तराखंड में विदेशी पर्यटकों के लिए योग और वेलनेस केंद्रों में आसानी से प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा का प्रावधान किया जाएगा। इसके तहत राज्य में आने वाले विदेशी पर्यटक योग का प्रशिक्षण आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्तराखंड की पहचान बढ़ेगी।

प्रोत्साहन राशि : योग नीति में योग शिक्षण संस्थान खोलने के लिए ₹20 लाख की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान रखा गया है। यह राशि उन संगठनों को दी जाएगी जो योग को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने के लिए संस्थान खोलना चाहते हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट : योग नीति के अंतर्गत योग, नेचुरोपैथी और अध्यात्म के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में सभी योग केंद्रों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा और इन्हें केंद्र सरकार के योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त कोर्स करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

मानकीकरण और एकरूपता : उत्तराखंड के योग संस्थानों में एकरूपता लाने के लिए मानकीकरण की व्यवस्था की जाएगी। इसके अंतर्गत योग संस्थानों को निर्धारित मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा, ताकि योग के क्षेत्र में कार्यरत सभी संस्थान एक समान गुणवत्ता प्रदान कर सकें।

ऋषिकेश: विश्व की योग राजधानी के रूप में पहचान

ऋषिकेश को विश्व योग राजधानी के रूप में जाना जाता है और यह उत्तराखंड के आयुष हब बनने के सपने का प्रमुख केंद्र है। प्रदेश सरकार का उद्देश्य योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में वैश्विक मान्यता प्राप्त करना है। इसके लिए ऋषिकेश समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में बड़े स्तर पर विकास कार्य किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन के माध्यम से भी राज्य सरकार इस क्षेत्र में अपनी योजनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करेगी।

अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की तैयारी

उत्तराखंड में दिसंबर माह में होने वाले अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस सम्मेलन में आयुर्वेद और योग के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे और इससे पहले ही सरकार योग नीति लागू कर सकती है। आयुष विभाग के अपर सचिव डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि इस नीति के लागू होने से राज्य में योग और आयुर्वेद के विकास की नई राहें खुलेंगी और योग से जुड़े रोजगार के अवसर भी व्यापक रूप से बढ़ेंगे।

योग नीति की मंजूरी के लिए प्रक्रिया जारी

आयुष विभाग ने योग नीति का मसौदा तैयार कर शासन को भेज दिया है। इसके तहत शासन स्तर पर नीति की समीक्षा और वित्त विभाग से सहमति की प्रक्रिया जारी है। जैसे ही नीति को शासन और वित्त विभाग की मंजूरी प्राप्त होगी, इसे लागू कर दिया जाएगा। यह नीति प्रदेश में आयुष और योग के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का वादा करती है, जिससे न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा।

उत्तराखंड में योग और आयुर्वेद की प्रगति के लिए विशेष कदम

योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्तराखंड की यह नई नीति न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी योग के प्रति रुचि रखने वाले लोगों को आकर्षित करेगी। राज्य सरकार का यह कदम योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य की अग्रणी स्थिति को मजबूत करेगा और इसे राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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