कानपुर: वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगे मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 38 साल बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये सभी आरोपी कानपुर आउटर के थाना घाटमपुर क्षेत्र के रहने वाले थे।
गिरफ्तार किये गये आरोपियों में थाना घाटमपुर के शिवपुरी के रहने वाला सफीउल्ला (64), जलाला निवासी योगेन्द्र सिंह उर्फ बब्बन बाबा(62), वेंदा निवासी विजय नारायण उर्फ बच्चन सिंह (65) और वेंदा के ही रहने वाले अब्दुल रहमान उर्फ लम्बू (65) शामिल है।
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ज्ञात हो कि वर्ष1984 में तत्कालीन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सिख विरोधी दंगे हुए थे। कानपुर के निराला नगर में भी सिख दंगा हुआ था और इस दंगे में 127 लोग मारे गये थे। इन 127 सिख परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वर्ष 2019 ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की थी। एसआईटी पिछले तीन सालों के दौरान 11 मामलों की जांच पूरी की जा चुकी है और जांच में 60 आरोपियों की पहचान हो चुकी है।
योगी सरकार ने सिख विरोधी दंगे मामले की जांच के लिए गठित की गयी विशेष जांच टीम की अवधि का कार्यकाल छह माह और बढाये जाने से अब एसआईटी 30 सितंबर, 2022 तक अपनी जांच पूरी कर सकेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।