Hathras Hadsa: जिस राज्य में 122 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाए वो भी सिर्फ एक ढोंगी बाबा की वजह से तो सवाल पूछे जाएंगे। सवाल ये कि आखिर कहां थी योगी पुलिस, कहां था जिला प्रशासन औऱ कहां थे वो जिम्मेदार लोग… जिन्होंने इतने बड़े आयोजन की मंजूरी थी। आखिर किसके भरोसे हुआ इतना बड़ा आयोजन, बाबा के भरोसे…या उन भक्तों के भरोसे जो जान हथेली पर रखकर बाबा साकार हरि के सत्संग में आए थे और कहां छिपकर बैठा है वो बाबा जो सैकड़ों भक्तों की मौत से भी नहीं पसीजा।
लोग मरते रहे, चिल्लाते रहे…तड़पते रहे… लेकिन साहब बाबा बाहर नहीं आया। सरकार तो जरूर जागी लेकिन एक्शन कब होगा ये पता नहीं। प्रदेश में ठॉय ठॉय करने वाली पुलिस के हाथ खाली है। अब ऐसे में सवाल ये कि क्या बाबा साकार हरि को जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस आयोजन में उसने इतनी भीड़ जुटाई है। उसका मैनेजमेंट कैसे होना चाहिए था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्ननाथ आज घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं। दो बड़े अधिकारियों को 24 घंटे में रिपोर्ट का जिम्मा सौंपा है…यूपी के तीन मंत्री भी दुर्घटना स्थल पर हैं। तो डीजीपी से लेकर दूसरे बड़े अधिकारी भी मौके पर हैं…एनडीआरएफ की टीम भी मौके के लिए रवाना हो गई है, तो गाजियाबाद से भी मेडिकल टीम को राहत बचाव के लिए भेजा गया है। लेकिन सवाल अभी भी वही है…कि क्या ऐसे किसी भी आयोजन में इनती बड़ी अनदेखी क्यों…क्यों हादसे के बाद ही प्रशासन और जिम्मेदार लोगों की नींद टूटती है…लेकिन इस टूटी नींद का क्या करें…जो 100 से ज्यादा लोगों की मौत की वजह बन गया…अब देखना ये होगा कि आखिर कब तक पुलिस इस मामले में कार्रवाई करती है।
कुछ मीडिया रिपोर्टस में ये भी दावा किया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने करीब 80 हजार लोगों की मंजूरी दी थी… लेकिन 2.50 लाख से ज्यादा लोग वहां पर पहुंच गए। जिससे की हालात बेकाबू हो गए और 122 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया।