Haldwani Mahotsav : हल्द्वानी में कुमाऊं द्वार महोत्सव की धूम, मैथिली ठाकुर के गीतों ने बांधा समां
Haldwani Mahotsav: Kumaon Dwar Mahotsav in Haldwani, songs of Maithili Thakur graced the occasion.
Haldwani Mahotsav : उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और कला को समर्पित पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव की भव्य शुरुआत हल्द्वानी में हुई। इस महोत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर के गीतों ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीत लिया, बल्कि कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। महोत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एमबी इंटर कॉलेज मैदान में किया, जहां हजारों की संख्या में लोग महोत्सव का हिस्सा बने।
मुख्यमंत्री धामी ने किया महोत्सव का उद्घाटन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महोत्सव का शुभारंभ करते हुए आयोजकों को बधाई दी और उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, “कुमाऊं द्वार महोत्सव न केवल कुमाऊं की सांस्कृतिक पहचान को देशभर में प्रदर्शित करता है, बल्कि यहां की परंपराओं को भी संजोने का प्रयास करता है।”
सीएम धामी ने आयोजकों की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह के महोत्सव से स्थानीय कलाकारों और लोक संगीत को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति की भी सराहना की और कहा कि उनकी आवाज ने लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है।
मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति ने बांधा समां
पहले दिन का मुख्य आकर्षण देश की लोकप्रिय लोक गायिका मैथिली ठाकुर की संगीतमय प्रस्तुति रही। मैथिली ठाकुर ने कुमाऊंनी और गढ़वाली लोकगीतों के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक गीतों की शानदार प्रस्तुति दी, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। उनकी आवाज़ की मधुरता और प्रस्तुति की नजाकत ने माहौल को सुरमई बना दिया। लोग उनकी हर प्रस्तुति पर तालियां बजाते रहे और संगीत की धुनों पर झूमते रहे।
मैथिली ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति के दौरान कहा, “उत्तराखंड की धरती से मेरा विशेष लगाव है। यहां आकर मुझे हमेशा एक खास अपनापन महसूस होता है। उत्तराखंड की संस्कृति को अपने गीतों के माध्यम से प्रस्तुत करना मेरे लिए गर्व की बात है।” उन्होंने कुमाऊंनी और गढ़वाली गीत गाते हुए दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली और पूरे कार्यक्रम में उनकी गायकी की चर्चा होती रही।
मुख्यमंत्री भी बने श्रोता
मैथिली ठाकुर के संगीत का लुत्फ उठाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कार्यक्रम स्थल पर काफी देर तक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने खुद उनकी गायकी का आनंद लिया और उनके गीतों की तारीफ की। मैथिली ठाकुर ने अपनी आवाज में ऐसे गीत गाए, जो उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। उनके गीतों में यहां की पारंपरिक धुनों का खास मिश्रण था, जिसे सुनकर दर्शक भावविभोर हो गए।
महोत्सव के अन्य आकर्षण
कुमाऊं द्वार महोत्सव के दौरान स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस महोत्सव का उद्देश्य न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय कलाकारों और हस्तशिल्प को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना भी है। पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में कई और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिनमें लोक नृत्य, नाटक, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी।
उत्तराखंड की संस्कृति को समर्पित
कुमाऊं द्वार महोत्सव उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित है। यह महोत्सव न केवल प्रदेश के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक मेला है, बल्कि देशभर से आए पर्यटकों और कला प्रेमियों के लिए भी एक सुनहरा मौका है, जहां वे उत्तराखंड की लोक संस्कृति, कला, और परंपराओं से रूबरू हो सकते हैं। इस महोत्सव का उद्देश्य उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति और लोक कलाओं को संरक्षित करना और उन्हें व्यापक मंच पर प्रस्तुत करना है।