Haridwar News: हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में अवैध मजार पर चला प्रशासन का बुलडोजर
Haridwar News: Administration's bulldozer runs on illegal tomb in Bahadarabad area of Haridwar.
Haridwar News: हरिद्वार जिले के बहादराबाद थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में प्रशासन ने कृषि भूमि पर अवैध रूप से बनी मजार को ध्वस्त कर दिया। मुस्लिम बाहुल्य इलाके में स्थित इस गांव में प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही, जिसमें ग्रामीणों ने भी प्रशासन का पूरा सहयोग किया। भले ही यह इलाका मुसलमान बहुल हो, लेकिन मजार को हटाने की पूरी प्रक्रिया शांति और संयम के साथ संपन्न हुई, जो एक मिसाल पेश करती है।
अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई
एसडीएम अजय वीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह भूमि सिंचाई विभाग की थी, जो कि खेती के लिए पट्टे पर दी गई थी। हालांकि, इस भूमि पर खेती करने के बजाय वहां अवैध रूप से धार्मिक संरचना (मजार) का निर्माण कर दिया गया था। प्रशासन ने इस अवैध निर्माण को गंभीरता से लेते हुए पहले विधिवत प्रक्रिया के तहत संबंधित लोगों को 3 हफ्ते पहले नोटिस जारी किया था। नोटिस के जरिए उन्हें समझाया गया कि इस भूमि का उपयोग कृषि के लिए ही किया जाए और अवैध रूप से बनाई गई संरचना को हटाया जाए।
ग्रामीणों ने दिया आश्वासन, फिर भी नहीं हटाया गया निर्माण
एसडीएम अजय वीर सिंह ने बताया कि नोटिस के बाद ग्रामीणों ने लिखित रूप में प्रशासन को यह आश्वासन दिया था कि वे स्वयं इस अतिक्रमण को हटा लेंगे। प्रशासन ने ग्रामीणों को पूरा समय दिया, लेकिन समय सीमा के भीतर अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया। इसके बाद प्रशासन को कार्रवाई के लिए आगे बढ़ना पड़ा और बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से बनी मजार को ध्वस्त किया गया।
शांतिपूर्ण माहौल में कार्रवाई
प्रशासन की इस कार्रवाई में सबसे खास बात यह रही कि पूरे क्षेत्र में शांति बनी रही। ग्रामीणों ने भी प्रशासन का सहयोग करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने में योगदान दिया। यह मामला मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से जुड़ा होने के बावजूद किसी तरह का विरोध नहीं देखा गया, जो दर्शाता है कि प्रशासन ने सही तरीके से और समय रहते सभी पक्षों को समझाया और सूचना दी।
उप जिलाधिकारी का बयान
हरिद्वार के उप जिलाधिकारी अजय वीर सिंह ने कहा, “यह भूमि सिंचाई विभाग की है, जिसे खेती के लिए पट्टे पर दिया गया था। इस भूमि पर खेती न करके अवैध रूप से धार्मिक संरचना बनाई गई थी। तीन हफ्ते पहले इनको नोटिस दिया गया और समझाया गया। ग्रामीणों ने स्वयं इस अतिक्रमण को हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन जब निर्धारित समय में इन्होंने ऐसा नहीं किया, तो प्रशासन ने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।”