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HARISH RAWAT STATEMENT: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अमेरिकी नीतियों पर उठाए सवाल, ट्रंप को कहा ‘ट्रंपदा’

HARISH RAWAT STATEMENT: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत अपने बेबाक बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इस बार उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। खास बात यह रही कि उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मजाकिया अंदाज में 'ट्रंपदा' कहकर संबोधित किया। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया है।

HARISH RAWAT STATEMENT: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने बेबाक बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय राजनीति से जुड़े अहम मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए अमेरिका की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

हरीश रावत ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘ट्रंपदा’ यानी ‘बड़े भाई’ कहकर संबोधित किया और विश्व राजनीति में अमेरिका की भूमिका पर कटाक्ष किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका लगातार उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को किसी न किसी विवाद या युद्ध में उलझाने का काम कर रहा है।

भारत की पूर्वी सीमाओं पर बढ़ती असुरक्षा

हरीश रावत ने भारत की पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध पहले काफी मजबूत थे, जिससे पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी संगठनों को नियंत्रित करने और शांति बनाए रखने में मदद मिल रही थी। इसके अलावा, भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी गलियारे (जिसे ‘चिकन नेक’ कहा जाता है) की सुरक्षा भी सुनिश्चित थी।

लेकिन अब, बदलते वैश्विक परिदृश्य और अमेरिका की भूमिका के कारण, भारत के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के हस्तक्षेप से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है, जिससे भारत की पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा पर असर पड़ा है।

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रूस और मध्य पूर्व में युद्ध के लिए अमेरिका जिम्मेदार?

पूर्व मुख्यमंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया और कहा कि अमेरिका ने रूस जैसी महाशक्ति को भी युद्ध में उलझाने का काम किया है। उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका समर्थित इजरायल ने गाजा में भारी बमबारी की, जिससे वहां की सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर को खतरा पैदा हो गया है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने घोषित मित्र अमेरिकी राष्ट्रपति से इस मामले में स्पष्ट बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत को अमेरिका की नीतियों पर सीधा और कड़ा रुख अपनाना चाहिए, ताकि भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों को कोई नुकसान न पहुंचे।

HARISH RAWAT STATEMENT: Former Chief Minister Harish Rawat raised questions on American policies, called Trump ‘Trumpada’

भारतीय प्रवासियों के लिए अमेरिका की सख्त नीतियां चिंता का विषय

हरीश रावत ने अमेरिका की वीजा नीति और प्रवासी भारतीयों के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हाल ही में अपने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है, जिससे अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों और पेशेवरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

विशेष रूप से ‘डंकी रूट’ के जरिए अमेरिका पहुंचने वाले भारतीय युवाओं की वापसी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि इसे लेकर भारत सरकार को अमेरिका से ठोस बातचीत करनी चाहिए। हाई-टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और व्यापारिक सहयोग पर भी चर्चा की आवश्यकता है, ताकि भारतीय कंपनियों को अमेरिका की नीतियों का नुकसान न उठाना पड़े।

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बांग्लादेश में अमेरिकी हस्तक्षेप का आरोप

हरीश रावत ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर भी अमेरिका की भूमिका पर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हुए हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों, विशेष रूप से तख्तापलट जैसी गतिविधियों में अमेरिकी एजेंसियों की संलिप्तता रही है। उनका दावा है कि वर्तमान में बांग्लादेश में जो सरकार चल रही है, वह पूरी तरह से अमेरिका समर्थक नेतृत्व के अधीन है।

मोदी सरकार को अमेरिका से सख्त रुख अपनाने की सलाह

हरीश रावत ने केंद्र सरकार को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को अधिक संतुलित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारत को अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और अमेरिका के हर कदम पर सहमति जताने के बजाय अपने मुद्दों को मजबूती से उठाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत अपनी विदेश नीति को अधिक स्वतंत्र और सशक्त बनाएगा, तो इससे न केवल उसकी वैश्विक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि देश की सुरक्षा और आर्थिक हित भी सुरक्षित रहेंगे

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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