Hathras Stampede: हाथरस में 2 जुलाई को नारायण साकार हरि (जिन्हें भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है) के सत्संग में भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए गए थे।
हाथरस सत्संग (Hathras case) में भगदड़ की घटना की जांच का अंतिम दौर पूरा हो गया है। शुक्रवार यानि 5 जुलाई को जांच के लिए गठित एसआईटी अपनी रिपोर्ट शासन के सामने पेश कर सकती है। टीम ने गुरुवार देर रात तक पुलिसवालों के बयान दर्ज करने का काम जारी रखा। एसआईटी कई पुलिसकर्मियों के नामों की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट शासन को सौंपने के बाद कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि हाथरस में भोले बाबा के नाम से मशहूर नारायण साकार हरि सत्संग में 2 जुलाई को भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी जांच का जिम्मा सौंपा और निर्देश दिया कि वे एक दिन में रिपोर्ट सौंपें। एसआईटी तब से अलीगढ़ (Aligarh) में डेरा डाले हुए है। एसआईटी टीम ने कई पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं। गुरुवार देर रात तक टीम ने करीब 80 लोगों के बयान दर्ज किए।
इन लोगे की गवाही दर्ज
एसआईटी टीम (SIT Team) आज देर रात तक प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इसके बाद कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है। सूत्रों का दावा है कि एसआईटी टीम ने अब तक मौके पर मौजूद अधिकारियों, त्रासदी के बारे में पहली जानकारी देने वाले लोगों, एम्बुलेंस कर्मियों, चिकित्सा पेशेवरों, पोस्टमॉर्टम टीम, किसानों, गवाहों, डीएम और यहां तक कि एसपी की गवाही दर्ज की है।
समिति द्वारा हटाए गए आश्रम के बोर्ड
बता दें संभल की चंदोसी के सराय सिकंदर गांव में स्थित भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के भव्य “आश्रम प्रवास” कुटिया के ऊपर लगाया गया बोर्ड आश्रम समिति द्वारा हटा दिया गया है। कई सालों से आश्रम के बाहर यह बोर्ड लगा हुआ था। बोर्ड हटाए जाने पर समिति के सदस्य चुप्पी साधे हुए हैं। फिलहाल आश्रम से जुड़े कई लोग मीडिया से बात करने से बच रहे हैं।