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Health Issues:मोटापे से बढ़ता है कैंसर का खतरा, नई स्टडी में हुआ सनसनीखेज खुलासा

Obesity increases the risk of cancer, sensational disclosure in new study

हाल ही में एक चौंकाने वाली स्टडी में खुलासा हुआ है कि मोटापा केवल आपकी फिटनेस और आत्मविश्वास को ही नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरे में डाल सकता है। अब यह साफ हो गया है कि बढ़ता वजन न केवल दिल और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का कारण बनता है, बल्कि कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है। स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि स्वस्थ जीवनशैली और सही वजन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं कि मोटापा कैसे और क्यों कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनता है और इस जोखिम से बचने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए।

सेडेंटरी लाइफस्टाइल इन दिनों लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। आजकल लोगों का ज्यादातर समय ऑफिस में स्क्रीन के सामने कुर्सी पर बैठे-बैठे गुजरता है। ऐसे में दिनभर बैठे रहने की वजह से लोग मोटापे का शिकार होने लगे हैं। मोटापा एक ऐसी समस्या है, जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। बीते कुछ समय में यह दुनियाभर में गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।

इसी बीच अब हाल ही में नई स्टडी सामने आई है। इस ताजा स्टडी में मोटापा यानी ओबेसिटी(obesity) और कैंसर के बीच संबंध सामने आया है। हाल ही में स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, 332,000 कैंसर के केस में लगभग 32 प्रकार के कैंसर का कनेक्शन मोटापे से पाया गया है। पहले यह संख्या 13 थी। हालांकि, इसमें अभी और भी स्पष्ट निष्कर्ष निकलना बाकी है, लेकिन फिर भी यह बात साफ है कि मोटापा कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है।

मोटापे का कारण एडिपोज टिश्यू(tissue) का जमा होना होता है। कैंसर के ट्यूमर (tumour) सेल इसी एडिपोज टिश्यू पर निर्भर होकर विकसित होते जाते हैं, जिससे मोटापे के कारण कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। फैट सेल इंफ्लेमेशन बढ़ाती हैं। ये एक्स्ट्रा हार्मोन (hormone) और ग्रोथ फैक्टर (growth factor) बनाने लगती हैं। हार्मोन, ग्रोथ फैक्टर, इंफ्लेमेशन जैसी चीजें एक साथ मिलकर कोशिकाओं का विभाजन करने में मदद करती हैं। ज्यादा विभाजन होने से कैंसर की कोशिकाएं बनने का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह ये ट्यूमर का रूप ले लेता है और फिर कैंसर में बदल जाता है।

यह देखा गया है कि स्मोकिंग (smoking) के बाद कैंसर का सबसे मुख्य कारण मोटापा है। कोविड के बाद से माहौल तेजी से डिजिटल (digital) हुआ है, जो कि मोटापे का एक मुख्य कारण है। हाई ब्लड प्रेशर, डाइटरी रिस्क और तंबाकू के बाद मोटापा दुनिया भर में मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण बन कर उभर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में बचाव करने योग्य कैंसर से मौत होने की दर में मोटापा स्मोकिंग को भी पीछे छोड़कर ऐसी मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन जाएगा।

यहां यह समझने की जरूरत है कि मोटापा कोई बीमारी नहीं बल्कि स्वास्थ्य की एक स्थिति है। मोटापे को हैंडल करके, जीवनशैली सुधारने से और एक जागरूक व्यक्ति की तरह अपने शरीर और स्वास्थ्य का ख्याल रखने से इसके दुष्प्रभावों से आसानी से बचा जा सकता है। मोटापा होना कैंसर होने की बात को सुनिश्चित नहीं करता, लेकिन अन्य लोगों की तुलना में इसकी संभावना बढ़ा जरूर देता है।

मोटापे से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और तनावमुक्त जीवनशैली मोटापे और इससे जुड़े जोखिमों को कम कर सकती है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए जागरूकता और व्यक्तिगत जिम्मेदारी जरूरी है, जिससे न केवल कैंसर बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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