Hathras Satsang Stampede Case: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को हाथरस में हुई भगदड़ की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी।
याचिका में 2 जुलाई की भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति की मांग की गई है।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 12 जुलाई की वाद सूची के अनुसार, याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई होनी है।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका में शीर्ष अदालत से राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे किसी भी धार्मिक या अन्य आयोजन के आयोजन में जनता की सुरक्षा के लिए भगदड़ या अन्य घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करें, जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
हाथरस में 2 जुलाई को एक धार्मिक समागम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी।
हाथरस जिले के फुलराई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे, जिन्हें साकार विश्वहरि और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उन पर साक्ष्य छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है, क्योंकि कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग एकत्र हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों को ही अनुमति दी गई थी।