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Israel- Hezbollah Conflict: हिजबुल्लाह का इजरायल से बदल, दागे 300 मिसाइल, फिर कहा…!

Israel- Hezbollah Conflict: हिजबुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह ने घोषणा की है कि यमन और ईरान इजरायल पर हमला करने के लिए तैयार हैं। हिजबुल्लाह द्वारा इजरायल पर दागे गए 300 से अधिक मिसाइलों के बाद उन्होंने यह चेतावनी जारी की। जबकि इजरायल ने कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया है, नसरल्लाह ने दावा किया है कि इजराइल नुकसान को छुपा रहा है।

हिजबुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह ने इजरायली हमले के बाद अपना पहला बयान दिया हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा हिजबुल्लाह ने अपने नेता फौद शोकोर की मौत का बदला ले लिया है। हालांकि, इसका बदला लेने में कई कारणों से देरी हुई। हसन नसरल्लाह ने कहा ईरान और यमन में हूथी विद्रोही हिजबुल्लाह के हमले का बदला लेने के लिए इजरायल पर हमला करने के लिए तैयार हैं। उसने कहा कि हिजबुल्लाह ने 110 किमी की दूरी पर स्थित एक इजरायली सैन्य अड्डे को निशाना बनाया। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि हिजबुल्लाह के ड्रोन भी इजरायली हवाई क्षेत्र में घुसने में सफल रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि हालांकि हिजबुल्लाह ने अभी तक सटीक हमला करने वाली मिसाइलों का अभी इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें भी तैनात किया जा सकता है।

हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या का बताया बदला

हसन नसरल्लाह ने एक भाषण में कहा कि अमेरिका और इजरायल की भारी लामबंदी की वजह से कमांडर फौद शोकोर की हत्या का बदला लेने में देरी हुई। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस देरी का फायदा यह हुआ कि इससे हमें अपने दोस्तों के साथ इस बारे में बात करने का मौका मिला कि हमें इजरायल के खिलाफ संयुक्त या व्यक्तिगत कार्रवाई करनी चाहिए या नहीं। नसरल्लाह ने रविवार को हिजबुल्लाह के हमलों को ऑपरेशन “अरबईन का दिन” नाम दिया। हसन नसरल्लाह ने यह भी कहा कि हिजबुल्लाह के ऑपरेशन के जवाब में यमन और ईरान की ओर से और अधिक प्रतिक्रियाएं आने की उम्मीद है।

नसरल्लाह ने कहा, “ऑपरेशन का पहला उद्देश्य इजरायल के अंदर स्थित एक सैन्य लक्ष्य था: ग्लिलोट बेस।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन का लक्ष्य नागरिक बुनियादी ढांचे के बजाय सैन्य लक्ष्यों को नुकसान पहुंचाना था, जो लेबनानी नागरिकों की रक्षा करने और फौद शोकोर की हत्या का बदला लेने के लिए हिजबुल्लाह के समर्पण को दर्शाता है। नसरल्लाह ने कहा, “लक्ष्य को रणनीतिक रूप से तेल अवीव के करीब चुना गया था।”

हिजबुल्लाह की ये थी चाल

नसरल्लाह ने आगे कहा, “हमने इजरायल के अंदर ऑपरेशन के लिए एक प्राथमिक लक्ष्य की पहचान की है, जो इजरायली सैन्य खुफिया का ग्लिलोट बेस है, जिसे अमन डिवीजन कहा जाता है, जिसमें यूनिट 8200 शामिल है।” नसरल्लाह ने स्पष्ट किया, “यह निर्णय लिया गया था कि कई मिनट तक आयरन डोम को घेरे रखने के लिए 300 कत्यूषा रॉकेट लॉन्च किए जाएं, जब तक कि ड्रोन पार न हो जाएं।” नसरल्लाह ने कहा कि हिजबुल्लाह ने गाइडेड मिसाइलों और ड्रोन से सभी तय लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हिट किया, जिसमें लेबनानी-फिलिस्तीनी सीमा को पार करने वाले ड्रोन शामिल थे, जो “बेका घाटी से इजरायल पर पहली बारलॉन्च किए गए।”

इजरायल पर नुकसान छिपाने का आरोप

नसरल्लाह के अनुसार, कई ड्रोनों ने उनके लक्ष्यों को निशाना बनाया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि “दुश्मन नुकसान की पूरी सीमा को छुपा रहा है।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हिजबुल्लाह का तेल अवीव में किसी विशेष स्थान, जैसे कि इजरायली रक्षा मंत्रालय या बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। हिजबुल्लाह के सीधे हमलों के बजाय, उन्होंने नहरिया, एकर और अन्य स्थानों पर किसी भी नुकसान के लिए इजरायली एंटी-मिसाइल सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “दुश्मन सैकड़ों हमलों की बात कर रहा है, लेकिन उन्होंने केवल दो मिसाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म को ही निशाना बनाया।”

Prachi Chaudhary

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