HT line Movement: HT लाइन आंदोलन की ऐतिहासिक जीत, किसानों को मिलेगा मार्केट रेट पर मुआवजा
13 नवंबर 2023 से हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली देहात के किसान HT लाइन (बिजली के बड़े खंभों) के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने अपनी जमीनों पर बिजली के खंभों से हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए आवाज बुलंद की। इस आंदोलन में किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाया।
HT line Movement: 13 नवंबर 2023 से हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली देहात के किसान HT लाइन (बिजली के बड़े खंभों) के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने अपनी जमीनों पर बिजली के खंभों से हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए आवाज बुलंद की। इस आंदोलन में किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाया।
मुआवजा नीति लागू: अब किसानों को मिलेगा न्याय
भारत सरकार ने जून 2024 में HT लाइन से पीड़ित किसानों के लिए नई मुआवजा पॉलिसी लागू की। इसके तहत:
खंभों के नीचे की जमीन पर 200% मुआवजा
ROW (Right of Way) में 30% से 60% तक मार्केट रेट मुआवजा
किसानों को मार्केट रेट तय करने वाली कमेटी में भी शामिल किया गया
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
हरियाणा सरकार ने इस नीति को 10 जुलाई 2024 और दोबारा 2 जून 2025 को लागू किया। दिल्ली सरकार ने भी 8 मई 2025 को इसे मान्यता दी। इससे पहले किसानों को एक खंभे पर सिर्फ ₹10,000 से ₹50,000 तक मुआवजा मिलता था, जो अब बढ़कर लाखों रुपये तक पहुंच गया है।
संघर्ष की प्रमुख घटनाएं
11 अप्रैल 2024: सोनीपत के नाहरा गांव में किसान महापंचायत
21 जुलाई 2024: दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऐतिहासिक किसान सभा
27 जनवरी 2025: ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल से बैठक, किसानों की बात सुनी गई
2 फरवरी 2025: औचंदी बॉर्डर पर महापंचायत में ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी
21 मार्च 2025: केंद्र सरकार द्वारा संशोधित मुआवजा नीति लागू
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
किसानों की मांग: मार्केट रेट कमेटी का गठन जल्द हो
5 जून 2025 को भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधियों ने झज्जर के DC से मुलाकात की। उन्होंने मांग की कि मार्केट रेट कमेटी का गठन शीघ्र किया जाए ताकि किसानों को समय पर और सही मुआवजा मिल सके।
किसानों के नेतृत्व ने दिखाई एकजुटता
राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेंद्र लोहचब ने बताया कि यह आंदोलन किसानों की एकजुटता और जागरूकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसान एकता ने उन्हें नाकाम कर दिया।
हरियाणा अध्यक्ष कर्मवीर ढहिया और महासचिव रोहतास दलाल ने भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल मुआवजे की लड़ाई नहीं, बल्कि किसानों की पगड़ी और सम्मान की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने चेताया कि सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाले तथाकथित किसान नेताओं को बेनकाब किया जाएगा।
पढ़े : NHAI Toll Plaza New Rule: टोल वसूली में बड़ा बदलाव, NHAI ने जारी किए नए दिशा-निर्देश
आंदोलन का असर और आगे की रणनीति
इस आंदोलन के चलते सैकड़ों करोड़ रुपये के मुआवजे का रास्ता साफ हुआ है, जिससे अकेले सोनीपत के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। किसानों की मार्केट रेट पर मुआवजे की ऐतिहासिक जीत को आंदोलन की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
आंदोलन में रतन यादव, राकेश सरपंच, रमेश जाखड़, सतबीर कृष्ण, कमल, दिलू, पवन और अनेक किसान नेता मौजूद रहे।
HT लाइन आंदोलन ने यह सिद्ध कर दिया कि शांतिपूर्ण और संगठित संघर्ष से सरकार को झुकाया जा सकता है। यह आंदोलन न केवल किसानों के अधिकारों की जीत है, बल्कि भविष्य के आंदोलनों के लिए एक प्रेरणा भी है।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV