House of Himalayas: उत्तराखंड के ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद, कंपनियों के साथ कई समझौते हुए साइन
House of Himalayas: Efforts to get international recognition for Uttarakhand's brand 'House of Himalayas', many agreements signed with companies
House of Himalayas: उत्तराखंड के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य के प्रतिष्ठित ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और कई प्रमुख कंपनियों के साथ समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाना और राज्य की कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना है।
राजधानी देहरादून स्थित एक निजी होटल में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की ओर से इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया गया, जिसमें वाणिज्य मंत्रालय के सचिव सुनील बर्थवाल, उत्तराखंड के मुख्य एग्रो प्रोसेसिंग और एलाइड इंडस्ट्री के सीईओ समेत 200 से अधिक लोग शामिल हुए। इस मीट में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के प्रोत्साहन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए व्यापक चर्चा की गई।
इस दौरान सचिव सुनील बर्थवाल ने उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए सरकार की योजनाओं की सराहना की और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि एपीडा की ओर से उत्तराखंड में पहली बार इस तरह की इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया गया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के जलवायु अनुकूल कृषि, बागवानी और जैविक खेती को बढ़ावा देना है, जिससे यहां के किसानों की आय में वृद्धि हो और राज्य के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना सकें।
कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर
इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के दौरान उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और कई कंपनियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें प्रमुख समझौते इस प्रकार हैं:
1.’हाउस ऑफ हिमालयाज’ और लुलु ग्रुप के बीच एमओयू साइन किया गया है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के उच्च गुणवत्ता वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाना और निर्यात को बढ़ावा देना है।
- ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के बीच भी एक समझौता हुआ है, जिसके तहत उत्तराखंड के उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप पैकेजिंग मानकों में सुधार लाया जाएगा, ताकि ये उत्पाद वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।
- ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ और स्पाइसेस बोर्ड के बीच भी एक एमओयू साइन किया गया, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड में स्थानीय मसालों की खेती को बढ़ावा देना और उनकी मैन्युफैक्चरिंग कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण और राज्य के लिए योजनाएं
धामी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ की पहल से राज्य के जैविक और जीआई-टैग वाले उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी। सीएम धामी ने बताया कि एपीडा की भूमिका इन उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार इसके लिए एपीडा के साथ मिलकर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को कृषि उत्पादों के निर्यात का केंद्र बनाने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ की शुरुआत की गई है, ताकि प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक मंच पर उचित स्थान मिल सके। साथ ही, राज्य के छोटे चाय उत्पादकों के लिए भी नई योजनाएं लाई जा रही हैं, ताकि वे जैविक खेती को अपनाएं और इसके लिए उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
हाउस ऑफ हिमालयाज के कार्ट का उद्घाटन
इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के दौरान सचिव सुनील बर्थवाल ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के कार्ट (मोबाइल स्टोर) का उद्घाटन किया। इस कार्ट के माध्यम से उत्तराखंड के उत्पादों को स्थानीय स्तर पर भी प्रमोट किया जाएगा और राज्य के विभिन्न हिस्सों में उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल के जरिए राज्य के किसानों और उत्पादकों को सीधे लाभ होगा। जैविक खेती, बागवानी और स्थानीय मसालों की खेती के लिए राज्य में अनुकूल वातावरण और संसाधन उपलब्ध हैं, जिन्हें सही दिशा में बढ़ाने के लिए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। एमओयू साइन होने के बाद उत्तराखंड के कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और ब्रांडिंग को नए आयाम मिलेंगे, जिससे राज्य के उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना सकेंगे।
इस कार्यक्रम और समझौतों के साइन होने के बाद उत्तराखंड के कृषि उत्पादों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की संभावनाएं और भी प्रबल हो गई हैं। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के तहत सरकार और निजी क्षेत्र का यह संयुक्त प्रयास राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर है।