Ayodhya Ram Mandir Nirman: अयोध्या की पहचान भगवान राम से है और भगवान राम यहां के कण-कण में वास करते हैं। इसीलिए जब अयोध्या विकास के नए आयाम हासिल कर रही है तो इसकी प्राचीन परम्पराओं का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। आस्था और विश्वास की नगरी का धार्मिक स्वरूप बना रहे इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। अयोध्या के विकास के लिए पूरे प्लान के साथ काम किया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय ने अपनी ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत अयोध्या के विकास के लिए 127.21 करोड़ रुपये मंजूर किए। इस रकम से अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। राम कथा पार्क विकसित करने के लिए 4.14 करोड़ रुपये दिए गए है, अयोध्या बस अड्डे को सौंदर्यीकरण के लिए 15.48 करोड़ रुपये, मल्टी लेवल कार पार्किंग के लिए 9.6 करोड़ रुपये, दिगंबर अखाड़े में मल्टीपर्पज हॉल के लिए 3.36 करोड़ रुपये, पंचकोसी परिक्रमा रूट पर यात्रा विश्राम गृह के लिए 1.89 करोड़ रुपये की लागत से काम किया गया है।
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अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए कई और योजनाओं पर भी काम चल रहा है। जिसकी बदौलत आज पूरी राम नगरी नए रंग और रूप में नज़र आ रही है।सड़क चौड़ी की गई। एक डिजाइन में सभी दुकानें, हर दुकान का एक ही रंग किया जा रहा है। राम पथ को संवारा गया है ज्यादातर दुकानें बनाई जा चुकी हैं। कुछ दुकानें बनाई जानी हैं। अयोध्या के डेवलपमेंट का पूरा मास्टर प्लान तैयार किया गया है उसी आधार पर जगह-जगह निर्माण काम हो रहे हैं। आवाजाही में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसका भी खास ख्याल रखा गया है। इसीलिए सड़कों को चौड़ा करने पर खास ध्यान दिया गया। आज अयोध्या की सड़कों की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।
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मुख्य सड़क है नया घाट तक जाती है ये सड़क बदल चुकी है अब 4 लेन की सड़क हो चुकी है। विकास हो रहा है 13 किलोमीटर लंबी सड़क है इसके दोनों ओर हनुमानगढ़ी, राम मंदिर। लाइटिंग भी की गई है।अयोध्या में सरयू के तमाम घाट संवारे गए हैं। हर घाट के लिए अलग से बजट अलॉट किया गया। विकास को लेकर एक विजन के साथ काम शुरू किया गया है जिसकी बानगी अयोध्या में हर चौराहे पर दिखने लगी है। आज पूरी अयोध्या नगरी विकास का मॉडल बन चुकी है।
अयोध्या में विकास के साथ सनातन परम्परा का पूरा ध्यान रखा गया है। आज की अयोध्या में आधुनिक जरूरतों के साथ साथ भविष्य की जरूरतों को भी शामिल किया जा रहा है। ताकि बदली हुई अयोध्या में किसी को दिक्कत ना हो। 22 जनवरी को भगवान राम जब स्थाई मंदिर में विराजमान होंगे तब तक अयोध्या भी काफी बदल चुकी होगी। जिस रफ्तार से काम हो रहे हैं उससे ये साफ है कि आधुनिक अयोध्या भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम श्रद्धालुओं को भी नयेपन का अनुभव कराएगी।जन्मभूमि पथ का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। अंतिम चरणों में काम है 200 मीटर दूर रामजन्मभूमि है। यात्री शेड बनाए गए हैं, सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं।