काजल हिन्दुस्तानी (Kajal Hindustani) को पहले कोई नहीं जानता था। यह महिला कौन है ,क्या करती है और इसके गुण धर्म क्या हैं इसकी जानकारी न तो किसी भारतीय को थी और न ही किसी के मन में काजल के बारे में जानने की उत्सुकता ही थी। इतने बड़े देश में कौन क्या बोलता है, करता है और क्या कुछ करता है इसकी सुध भला लेता भी कौन है ? लेकिन बीते एक अप्रैल को काजल हिन्दुस्तानी का नाम सुर्ख़ियों में तब आया जब उन्होंने गुजरात के ऊना में हेट स्पीच दिया। उन्होंने समाज में नफरत फैलाने वाला भाषण दिया और फिर सुर्ख़ियों में आ गई।
दो अप्रैल को काजल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उनपर जो धाराएं लगाईं गई है उनमे 295 ए ,153 ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इस धारा के मुताबिक़ उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम किया है ,धर्म ,जाति भाषा के आधार पर समूहों में दुश्मनी को बढ़ावा देने का काम किया है और आपत्तिजनक बयान दिया है। उनपर लगे धाराओं के विश्लेषण यही है। फिर 9 तारीख यानी रविवार को काजल को गिरफ्तार किया गया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। काजल हिन्दुस्तानी अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता। लेकिन एक सच यही है कि हेट स्पीच को लेकर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जो सख्त निर्देश दिया था उसके बाद काजल का यह रूप देख कर सब दंग हैं। आधुनिक भारत में काजल की गणना अब एक कट्टर हिन्दुस्तानी के रूप में की जाने लगी है।
काजल का पूर्व नाम काजल सिंगला है। काजल की एक वेबसाइट भी है काजलसिंगला डॉट कॉम। इस वेब साईट पर काजल खुद को गुजरात की शेरनी बताती है। कहते हैं कि वह खुद को राष्ट्रवादी मानती हैं और विचारों की वजह से ही उसने बाद में अपना नाम काजल हिन्दुस्तानी रख लिया। उसके वेब साइट के मुताबिक काजल भारतीय संस्कृति के बारे में लोगो में जागरूकता फैलाती है और हिन्दुओं के मानवाधिकारों के लिए काम करती है। लेकिन इसके अलावा वह और भी क्या करती है इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। वह किस पार्टी से जुडी है या किस संगठन से उसका जुड़ाव है इस बारे में बहुत कुछ उपलब्ध नहीं है।
काजल के ट्विटर पर जो बायोडाटा उपलब्ध है उसके मुताबिक वह एक उद्यमी है और शोध विश्लेषक भी। वह राष्ट्रवादी है और ट्विटर पर करीब 95 हजार उसके फॉलोवर्स हैं। प्रधान मंत्री मोदी भी काजल को फॉलो करते हैं। काजल अक्सर टीवी डिबेट में दिखाई पड़ती रही है और प्राउड हिन्दू को लेकर ज्यादा मुखर रही हैं। काजल निषाद खुद को सामजिक कार्यकर्ता भी बताती हैं ,वह बजरंग दल वीएचपी जैसे संगठनों के कार्यक्रमों में भी देखि गई है लेकिन वह किस संगठन की सदस्य है इसका खुलास अभी तक नहीं हुआ है। इतना साफ़ है कि वह उग्र दक्षिणपंथी संगठन के साथ खड़ी रहती है और मुस्लिम के खिलाफ कुछ भी बोलने से हिचकती नहीं।
काजल ने खुद एक दावा किया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने बीजेपी के लिए प्रचार भी किया था। गुजरात (Gujrat) के जामनगर की वह निवासी बताती है लेकिन उसके निवास कहाँ है अभी तक पता नहीं चल सका है। इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) की एक रिपोर्ट के मुताबिक काजल ने 2019 में राजस्थान में ओम बिड़ला के लिए प्रचार किया था और चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया था। बिड़ला चुनाव जीत भी गए और बाद में वे लोकसभा अष्यक्ष भी बने।
काजल हिन्दुस्तानी (Kajal Hindustani) का मकसद क्या है यह तो कोई नहीं जानता। हालांकि हमारे देश में कई लोग कट्टरता की पहचान लिए इसी समाज में जी रहे हैं। अभी भी कई साध्वी हैं तो कई नेता भी जो हिंदुत्व की लड़ाई को आगे बढ़ाती हैं। लेकिन यह लड़ाई किससे है यही किसी को पता नहीं। काजल हिन्दुस्तानी को भले यह लगता हो कि वह हिन्दुओं की रक्षा की बात करती है लेकिन भारत का मिजाज तो सबको साथ लेकर चलने वाला है। यहां कोई किसी का दुश्मन नहीं। क्या कोई आपकी बात को नहीं माने तो क्या वह दुश्मन हो सकता है ? संविधान सबके लिए बराबर है और जब तक संविधान जीवित है भारत न किसी हिन्दू का है और नहीं मुसलमान और सिख और ईसाई का। यह तो सबका देश है। प्यार और भाई चारे का देश। काजल को यह बात तो समझनी होगी।