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Happy Birthday Rajnikant: मराठी परिवार में जन्मे और साउथ इंडस्ट्री पर राज करने वाले रजनीकांत कैसे बने करोड़ों फैन्स के ‘थलाइवा’

आज (12 दिसंबर) साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत का जन्मदिन है। फिल्म इंडस्ट्री का यह दिग्गज अभिनेता 74 साल का हो गया है। रजनीकांत का जादू सिर्फ साउथ फिल्म इंडस्ट्री तक ही सीमित नहीं है, उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपना जादू दिखाया है।

Happy Birthday Rajnikant: रजनीकांत साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक हैं। तमिल फिल्म इंडस्ट्री का यह सुपरस्टार आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहा है। बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में जन्मे रजनीकांत को साउथ इंडस्ट्री में भगवान की तरह पूजा जाता है। पूरी दुनिया में उनके लाखों चाहने वाले हैं। अपने 49 साल के फिल्मी करियर में रजनीकांत ने 170 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। इंडस्ट्री में आने से पहले रजनीकांत बस कंडक्टर की नौकरी भी कर चुके हैं।

रजनीकांत का असली नाम शिवाजीराव गायकवाड़ है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को बैंगलोर में एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। उनके पिता रामोजीराव गायकवाड़ एक पुलिस हेड कांस्टेबल थे। रजनीकांत की माँ जीजाबाई की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। उनके चार भाई-बहन हैं और वह उनमें सबसे छोटे थे। भले ही रजनीकांत के घर में मराठी बोली जाती थी, लेकिन उनकी शिक्षा कन्नड़ भाषा में हुई थी।

आर्थिक तंगी देखी

जब परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा तो रजनीकांत ने एक फैक्ट्री में ऑफिस बॉय की नौकरी शुरू कर दी। फिर उन्होंने कुली का काम करना शुरू किया और लोगों का सामान उठाने लगे, लेकिन यह देखकर कि इस नौकरी से उन्हें ज्यादा कमाई नहीं हो रही तो रजनीकांत ने बढ़ई का काम भी शुरू कर दिया। एक तरफ काम चल रहा था तो दूसरी तरफ अच्छी नौकरी की तलाश भी जारी थी। आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद उन्हें बीटीएस (बैंगलोर ट्रैवल सर्विस) में बस कंडक्टर की नौकरी मिल गई। रजनीकांत का टिकट बेचने का स्वैग भी दूसरों से अलग था। वे मुंह से सीटी बजाकर ग्राहक का ध्यान अपनी ओर खींचते थे।

असली ‘पैन इंडिया’ सुपरस्टार

फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने से पहले भले ही रजनीकांत ने बस कंडक्टर की नौकरी की हो, लेकिन वह हमेशा से कुछ बड़ा करना चाहते थे। वह हमेशा से हीरो बनने का सपना देखते थे। उनके इस सपने को पूरा करने में उनके दोस्त राज बहादुर ने उनका खूब साथ दिया। राज बहादुर रजनीकांत के वही दोस्त थे जिन्होंने उन्हें मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में एडमिशन लेने की सलाह दी थी। रजनीकांत को अपने जीवन का पहला ब्रेक साल 1975 में रिलीज हुई तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागंगाल’ से मिला था। 1975 से लेकर 1982 तक रजनीकांत ने तमिल, कन्नड़, मलयालम और तेलुगु भाषाओं में कई फिल्में कीं। लेकिन साल 1983 में रिलीज हुई उनकी हिंदी फिल्म ‘अंधा कानून’ उनके लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। भले ही रजनीकांत हिंदी फिल्मों में अपना खास जादू नहीं दिखा पाए, लेकिन ‘अंधा कानून’ के बाद वह सही मायनों में पहले पैन इंडिया स्टार बने। रजनीकांत ने अपने करियर में एक बंगाली फिल्म में भी काम किया है।

शिवाजीराव क्यों बने रजनीकांत

प्रसिद्ध तमिल फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर ने शिवाजीराव गायकवाड़ का नाम बदलकर रजनीकांत रख दिया। दरअसल, जब रजनीकांत अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे, तब तमिल इंडस्ट्री में शिवाजी गणेशन काफी लोकप्रिय थे। दोनों के नामों में भ्रम की स्थिति न हो, इसके लिए के. बालाचंदर ने शिवाजीराव गायकवाड़ को स्टेज नाम ‘रजनीकांत’ रख दिया।

‘थलाइवा’ का क्या मतलब है

थलाइवा का मतलब है ‘सुपरस्टार’ जब रजनीकांत की फिल्में ‘बैक टू बैक’ हिट होने लगीं तो उनके फैंस उन्हें ‘थलाइवा’ कहने लगे। आज साउथ इंडस्ट्री में उन्हें ‘थलाइवा’ कहकर सम्मान दिया जाता है।

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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