IAS Pooja Singhal: मनी लांड्रिंग केस में सस्पेंड IAS पूजा सिंघल को 851 दिन बाद मिली जमानत, कोर्ट ने इस शर्त पर रिहा करने का दिया आदेश
पूजा सिंघल (Puja singhal) पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। मई 2022 में ED ने उन्हें हिरासत में लिया था। तब से वे जेल में हैं। 28 महीने बाद उन्हें जमानत मिल गई है। इससे उन्हें काफी राहत मिली है। उन्हें जमानत के लिए 2 लाख रुपए का बॉन्ड जमा करना होगा।
IAS Puja Singhal: निलंबित IAS पूजा सिंघल को मनी लांड्रिंग मामले में जमानत मिल गई। ED कोर्ट ने उन्हें 28 महीने बाद जेल से रिहाई का आदेश दिया। पूजा सिंघल को मई 2022 में गिरफ़्तार किया गया था। उन्हें 2 लाख रुपये के मुचलके पर ज़मानत दी गई। पूजा सिंघल को अपना पासपोर्ट कोर्ट में पेश करना होगा।
मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल को बड़ी राहत मिली है। ED कोर्ट ने 28 महीने बाद उन्हें जमानत दे दी है। पूजा सिंघल (Puja singhal)को 11 मई 2022 को जेल में लाया गया। उन्हें 2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। उन्हें अपना पासपोर्ट भी कोर्ट में पेश करना होगा।
जमा करना होगा पासपोर्ट
पूजा सिंघल (Puja singhal) पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। मई 2022 में ED ने उन्हें हिरासत में लिया था। तब से वे जेल में हैं। 28 महीने बाद उन्हें जमानत मिल गई है। इससे उन्हें काफी राहत मिली है। उन्हें जमानत के लिए 2 लाख रुपए का बॉन्ड जमा करना होगा। इसके अलावा, उन्हें अपना पासपोर्ट भी कोर्ट में जमा कराना होगा। यह उनकी जमानत की एक शर्त है।
मनरेगा घोटाले पर कसा था शिकंजा
गिरफ्तारी से पहले पूजा सिंघल झारखंड सरकार में एक वरिष्ठ IAS अधिकारी थीं। मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान ED ने उन पर शिकंजा कसा था। ED का आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध धन अर्जित किया। इस मामले में ED ने पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान करोड़ों रुपये नकद बरामद हुए थे।
कौन हैं पूजा सिंघल
पूजा सिंघल झारखंड (jharkhand) की निलंबित IAS अधिकारी हैं। उन पर मनी लांड्रिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप है। ED ने 6 मई 2022 को उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी और 11 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। निलंबन से पहले पूजा सिंघल उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार संभाल रही थीं। वह झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (JSMDC) की चेयरमैन भी रह चुकी हैं। भाजपा सरकार में उन्होंने कृषि सचिव के रूप में भी काम किया था। मनरेगा घोटाले के समय वह खूंटी में DC के पद पर तैनात थीं।
479 के तहत मांगी थी जमानत
पूजा सिंघल बीएनएस की धारा 479 के तहत जमानत मांग रही हैं। इस धारा के अनुसार, अगर यह आरोपी का पहला अपराध है और उसने अधिकतम सजा का एक तिहाई हिस्सा जेल में काट लिया है, तो वह जमानत के लिए हकदार है। पूजा सिंघल ने जेल से ही बंदी पत्र लिखकर यह याचिका दायर की थी। बता दें कि पूजा सिंघल का करियर काफी शानदार रहा है। लेकिन मनरेगा घोटाले ने उनके करियर पर ग्रहण लगा दिया।