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GST Rates Rationalisation: 25 सितंबर को होगी अहम बैठक, स्लैब और दरों में बदलाव की होगी चर्चा

Important meeting to be held on September 25, slab and rate changes to be discussed

GST Rates Rationalisation: जो लोग लंबे समय से अप्रत्यक्ष कर दरों यानि GST (Goods and service Tax) में बदलाव का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। इस सप्ताह, 24 और 25 सितंबर को गोवा (goa) में एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें मंत्रियों का समूह GST की दरों में बदलाव करने पर चर्चा करेगा। इस बैठक की अध्यक्षता बिहार के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे।

GST की मौजूदा संरचना


GST के 4 टैक्स स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%। इसके अलावा, कुछ लग्जरी और ‘सिनफुल’ आइटम पर अलग से सेस भी लगाया जाता है। GST स्लैब को 4 से घटाकर 3 करने की मांग कई व्यापारिक प्रतिनिधियों और पेशेवरों द्वारा काफी समय से की जा रही है।

क्या है बैठक का उद्देश्य


GST दरों में संशोधन के बारे में निर्णय लेना इस बैठक का प्राथमिक लक्ष्य है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न वस्तुओं पर GST दरों में बदलाव के लिए कई सिफारिशें की गई हैं, लेकिन यह बैठक इस मामले पर निर्णय लेने का एक महत्वपूर्ण मौका होगी।

पूर्व चर्चा और काउंसिल की बैठक


आपको बता दें इससे पहले, इसी महीने की शुरुआत में GST काउंसिल की 54वीं बैठक हुई थी। यह काउंसिल अप्रत्यक्ष कर के मामलों में पैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। बैठक में GST दरों को रैशनलाइज (GST Rates Rationalisation) करने का फैसला किया जाना था। मंत्रियों के समूह ने इस बैठक में 2 स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की थीं, जो GST दरों में सुधार के लिए जरूरी थी।

टैक्स दरों की समीक्षा


गोवा (Goa) मे होने वाली बैठक में 70 से 100 उत्पादों पर टैक्स दरों की समीक्षा होगी. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद कुछ चीजों पर कर की दरें कम हो सकती हैं और कुछ पर अधिक हो सकती हैं। मंत्रिस्तरीय पैनल यह सुनिश्चित करेगा कि बड़े पैमाने पर वस्तुएं इन घटनाओं से प्रभावित न हों। उदाहरण के लिए, भोजन, दवा आदि जैसी रोजमर्रा की उपभोग्य सामग्रियों पर विचार किया जाएगा।

जानिए आगे की क्या हैं योजना


बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों पर चर्चा की जाएगी और नवंबर में आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। वित्तीय नीति में एक महत्वपूर्ण हस्ती केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी परिषद की अध्यक्षता करेंगी।

उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर प्रभाव


जीएसटी दरों में किसी भी संभावित समायोजन से उपभोक्ता और व्यवसाय दोनों सीधे प्रभावित होंगे। उच्च करों की प्रतिक्रिया में कुछ वस्तुओं का बाजार मूल्य बढ़ सकता है, जबकि कम करों से उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। क्योंकि इस सम्मेलन के नतीजे उनकी वित्तीय स्थिति पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं, उपभोक्ता और व्यापारिक अभिजात वर्ग उत्सुकता से इसकी उम्मीद कर रहे हैं। जीएसटी दरों में बदलाव से कर प्रणाली के अलावा आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी काफी असर पड़ेगा। हर किसी को इन वार्तालापों और विकल्पों पर नज़र रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बैठक किस तरह के बदलाव लाती है क्योंकि यह वित्तीय वर्ष की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हो सकती है।

Prachi Chaudhary

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