Indus Effect on Pakistan: अब एक भी बूंद पानी नहीं जाएगी पाकिस्तान, भारत ने सिंधु जल रोकने की रणनीति बनाई
Indus Effect on Pakistan: अब एक भी बूंद नहीं जाएगी पाकिस्तान, भारत ने सिंधु जल रोकने की रणनीति बनाईपहलगाम में पाकिस्तान-आधारित आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद भारत ने बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। भारत सरकार ने 1960 की इंदस जल संधि को निलंबित करते हुए पाकिस्तान की ओर बहने वाले सिंधु नदी के पानी के प्रवाह को रोकने का ऐलान किया है।
Indus Effect on Pakistan: अब एक भी बूंद नहीं जाएगी पाकिस्तान, भारत ने सिंधु जल रोकने की रणनीति बनाईपहलगाम में पाकिस्तान-आधारित आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद भारत ने बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। भारत सरकार ने 1960 की इंदस जल संधि को निलंबित करते हुए पाकिस्तान की ओर बहने वाले सिंधु नदी के पानी के प्रवाह को रोकने का ऐलान किया है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अब भारत यह सुनिश्चित करेगा कि सिंधु नदी की एक भी बूंद पाकिस्तान नहीं पहुंचे और न ही व्यर्थ बह जाए। इसके लिए एक तीन चरणों वाला प्लान तैयार किया गया है – जिसमें शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म रणनीतियां शामिल हैं।
जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बताया कि भारत अब सिंधु बेसिन की नदियों पर बांधों की क्षमता को बढ़ाएगा ताकि अधिक से अधिक पानी को संग्रहित किया जा सके और पाकिस्तान को मिलने वाली सप्लाई को रोका जा सके। इस फैसले के तहत भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को एक औपचारिक नोटिस जारी कर इंदस जल संधि को “स्थगित” रखने की जानकारी दी, जिससे संधि की सभी शर्तें फिलहाल के लिए निष्प्रभावी हो गई हैं।
अब संधि में नहीं बंधा भारत, डैम निर्माण की छूट
इंदस जल संधि के निलंबन के बाद भारत अब बिना पाकिस्तान से अनुमति लिए अपने यहां डैम और जल परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकता है। संधि के तहत पूर्वी नदियां, सतलुज, ब्यास और रावी, भारत को और पश्चिमी नदियां, सिंधु, झेलम और चिनाब पाकिस्तान को आवंटित थीं। लेकिन अब भारत इन पश्चिमी नदियों पर भी नियंत्रण स्थापित कर सकता है।
भारत का पाकिस्तान को दो टूक संदेश
भारत के जल संसाधन सचिव, देबाशीष मुखर्जी द्वारा पाकिस्तान को भेजे गए पत्र में कहा गया, “एक संधि को ईमानदारी से निभाना उसकी मूल भावना होती है, लेकिन भारत को जम्मू-कश्मीर में बार-बार हो रहे आतंकी हमलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालातों में भारत के जल अधिकारों पर असर पड़ा है।”
भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण देता रहेगा, तब तक उसे संधि जैसे समझौतों का लाभ नहीं मिलेगा।
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पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और चेतावनी
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भारत के इस फैसले को खारिज करते हुए कहा है कि अगर इंदस जल संधि के तहत उसे मिलने वाला पानी रोका गया तो इसे “युद्ध का कार्य” माना जाएगा। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि यह संधि एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसे एकतरफा निलंबित नहीं किया जा सकता।
संधि निलंबन के साथ और भी कड़े कदम
भारत ने इंदस जल संधि को निलंबित करने के साथ-साथ कई अन्य कड़े फैसले भी लिए हैं। इनमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित करना, अटारी और ओबरोई सीमा पोस्ट को तत्काल बंद करना और दोनों देशों के डिप्लोमैटिक मिशन को सीमित करना शामिल है।
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पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर गंभीर असर
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत के इस कदम से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा। सिंधु नदी प्रणाली के जल पर पाकिस्तान की खेती काफी हद तक निर्भर करती है, और वहां की गेंहू, चावल व गन्ना जैसी फसलों को इस पानी की जरूरत होती है। अब जब भारत जल डेटा साझा नहीं करेगा और बहाव को नियंत्रित करेगा, तो पाकिस्तान को पानी की किल्लत झेलनी पड़ेगी।
क्यों ऐतिहासिक था इंदस जल संधि का निलंबन?
इंदस जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से नौ साल की बातचीत के बाद हुई थी। यह संधि दोनों देशों के बीच जल विवादों को हल करने का एक प्रमुख माध्यम रही है। हालांकि इसमें किसी भी पक्ष को इसे एकतरफा रद्द करने की अनुमति नहीं दी गई थी। भारत का यह निर्णय अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस को जन्म दे सकता है।
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