गरीब की ‘थाली’ पर महंगाई की मार, क्या कर रही है सरकार?
Mahangai News: देश में महंगाई की मार से हाहाकार मचा हुआ है। जिसकी वजह है कुदरत की मार….क्योंकि जिन इलाकों में सब्जियां उगाई जाती हैं, वहां पर पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे की किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। टमाटर हो या आलू इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं.. राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी लोगों के जायके का स्वाद बिगड़ रहा है..इसकी वजह है सब्जियों के महंगे दाम, जो कि लोगों को परेशान कर रहे हैं।
दरअसल आपको बता दें कि राजस्थान के जयपुर में इस वक्त जो सब्जियों का भाव है उसमें टमाटर 100 रू किलो, भिंडी 120 रूपये किलो..तोरी 160 रूपये किलो..टिंडा 240 रूपये किलो और अदरक 200 रूपये किलो के भाव से बिक रहा है । सब्जियों के बढ़े दाम ने लोगों को भी त्रस्त कर रखा है ।बढ़ते दाम से मध्यवर्गीय परिवार परेशान हैं ।
गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की थाली से तो सब्जी भी अब गायब सी हो गई है। लेकिन सब्जी के दाम में बढ़ोतरी होने के बाद मंडी में चोरी की वारदात बढ़ने लगी। ताजा मामला पंजाब के लुधियाना से आया । वहां, एक स्कूटी सवार ने सब्जी मंडी में चोरी की। जिसका वीडियो भी सामने आया। वीडियो में युवक स्कूटी को रोककर इधर-उधर देखता दिखाई दिया। जिसके बाद वो बड़े आराम से मंडी से दो क्रेट को उठाकर अपनी स्कूटी रखता नजर आया।
चोरी का वीडियो सामने आने के बाद सब्जी मंडी के सभी दुकानदार और कमीशन एजेंट्स की चिंता बढ़ गई। हालांकि दुकानदारों के सामान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मंडी बोर्ड की होती है, लेकिन बोर्ड इन घटनाओं पर आंखें मूंदकर बैठा गया। देखना ये होगा कि आखिर कब तक मंडी बोर्ड की नींद खुल पाती है।
महंगाई की मार, जनता में हाहाकार!
कुछ दिन पहले तक इसी इलाके में जहां पर सब्जियों की खेती होती थी.. वहा अब सिर्फ पानी ही पानी है. और अब लोग नाव से सब्जियां तोड़ने जा रहे हैं.. ताकि बाजारों तक सब्जियां पहुंचाई जा सकें । दरअसल, नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद मुजफ्फरपुर के पश्चिमी दियारा इलाके में तबाही मची हुई है । बाढ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है । और खेतों की फसल तो पहले ही लगभग बर्बाद हो गई है । मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर होने का दावा कर रहा है… तो वहीं महिलाओं का कहना है कि उनको किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली है। पिछले साल भी बाढ़ से फसल बर्बाद हो गई थी….ना तो सरकार की ओर से कोई सहायता दी गई और ना ही जिला प्रशासन ने कोई कदम उठाया था।