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Lok Sabha Voting in Baramulla: सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है कश्मीर…बारामूला में वोटिंग का बना 40 साल का रेकॉर्ड

Kashmir is breaking all records...40 years record of voting made in Baramulla

Lok Sabha Voting in Baramulla: बारामुला में मतदान के दौरान कई रोचक बातें देखने को मिलीं। खिलाड़ियों ने मैच बीच में ही रोककर वोट दिया, कट्टरपंथी अलगाववादियों और सक्रिय आतंकवादियों के परिवारों ने लोकतंत्र के पक्ष में आवाज उठाई। बुजुर्गों और विकलांगों ने भी तमाम परेशानियों के बावजूद मतदान केंद्र पर पहुंचकर वोट किया। फिर जो रेकॉर्ड बना, वो एक नई कहानी बयां कर रहा है।

संविधान के Article 370 हटा देने से कश्मीर (Kashmir) में क्या बदल गया है? ऐसा सवाल करने वालों को सोमवार को वोटिंग के दिन बारामूला (Baramulla) की जनता ने तगड़ा जवाब दिया है। 1990 के दशक से ‘आतंक का गढ़’ बने बारामूला (Baramulla) में 57.4% मतदान हुआ। यह बीते 40 वर्ष का रेकॉर्ड है। इसलिए कह सकते हैं कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के प्रभावों पर प्रश्न का एक और जवाब मिल गया- आतंक के गढ़ में अब लोकतंत्र की लहर है। जम्मू-कश्मीर (jammu- Kashmir) के बारामुला संसदीय क्षेत्र में सोमवार को लोकसभा चुनाव (loksabha election) के पांचवें चरण में मतदान हुआ। रात 11.45 बजे तक जारी आंकड़े के मुताबिक वहां 57.4% मतदान हुआ। यह मतदान प्रतिशत और मतदाताओं की संख्या, दोनों के लिहाज से 1984 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। 1984 में बारामूला में लोकसभा चुनाव (loksabha election) में अब तक का सबसे ज़्यादा 61.1% मतदान हुआ था। 1989 में मतदान प्रतिशत रिकॉर्ड 5.5% पर पहुंच गया था, उसके बाद से यह क्षेत्र आतंकवाद की चपेट में आ गया है। 1990 के दशक की शुरुआत में, आतंकवादी गतिविधियाँ उत्तरी कश्मीर में केंद्रित थीं।

आर्टिकल 370 हटने का असर तो देखिए

लेकिन आर्टिकल 370 हटा तो इस बार सक्रिय आतंकवादियों के परिवारों ने भी लोकंतत्र के पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लश्कर-ए-तैयबा के एक सक्रिय आतंकवादी के भाई ने कहा, ‘मतदान मेरा अधिकार है, इसलिए मैंने वोट डाला।’उधर, युवाओं में तो चुनावों के प्रति गजब का जोश दिखा। मतदान को लेकर पूरे जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ बारामुला के युवा किस हद तक जागरूक रहे, इस बात का अंदाजा इससे लगया जा सकता है कि युवा क्रिकेट के मैदान से निकलकर मतदान केंद्र गए।

क्या कमाल का उत्साह, गजब का जोश!

क्रिकेट मैच (cricket match) के बीच में, स्थानीय खिलाड़ियों का एक समूह बारामूला (Baramulla) संसदीय क्षेत्र के सोपोर के सिलु क्षेत्र में स्थित मतदान केंद्र की ओर बढ़ा। युवा क्रिकेटरों की इस टीम ने कहा कि उसे सामाजिक जिम्मेदारी की समझ है और वह प्रदेश में बदलाव के लिए वोट करने आई है। एक युवा क्रिकेटर ने कहा, ‘हम वोट देने आए हैं। युवा, नई पीढ़ी एक तरह की क्रांति चाहती है, हम जो चल रहा है उसमें बदलाव चाहते हैं।’ ध्यान रहे कि कभी ‘छोटा पाकिस्तान’ कहलाने वाले सोपोर में पिछले कुछ दशकों में मतदान प्रतिशत बहुत नीचे रहा करता था।

पहली बार मतदाता बने एक अन्य खिलाड़ी मुअज्जिन मंजूर ने कहा कि विकास के लिए मतदान जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘पिछले 70 सालों में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। इसलिए, मैंने बदलाव लाने के लिए पहली बार मतदान किया।’ एक और दिलचस्प बात यह रही कि उरी विधानसभा क्षेत्र (Assembly Area ) के नौशेरा इलाके में एक दूल्हे ने शादी से पहले वोट डाला।

हिसा का नामोंनिशान नहीं, बन गया इतिहास

वैसे तो बारामुला में 22 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से 3 उम्मीदवारों के बीच है। ये हैं- पूर्व cm और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन और अवामी इत्तेहाद पार्टी के शेख रशीद अहमद, जिन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से जाना जाता है। यहां सोमवार सुबह से ही मतदान में तेजी रही। जम्मू-कश्मीर (jammu Kashmir) के मुख्य चुनाव अधिकारी पांडुरंग कोंडबाराव ने कहा कि हिंसा की कोई घटना नहीं घटी और बारामुला के लोगों ने इतिहास रच दिया।

निर्वाचन क्षेत्र में 2,103 मतदान केंद्र थे, सभी पर सुचारू मतदान सुनिश्चित करने के लिए CCTV कैमरों से निगरानी की गई थी। चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप के अनुसार, हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र, जो सज्जाद लोन का गृह जिला है, में सबसे अधिक 72% मतदान हुआ, जबकि सोपोर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 40.1% मतदान हुआ। कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं – जिनमें से अधिकांश विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे हैं – को मतदान में सहायता देने के लिए, चुनाव आयोग ने विभिन्न प्रकार के 187 विशेष मतदान केन्द्र स्थापित किए।

चौथे चरण में श्रीनगर (Srinagar) में 38.5% मतदान हुआ था, जो 1996 के बाद सबसे ज्यादा था। बड़ी संख्या में अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने रिपोर्टर से कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में लोग लोकतांत्रिक शासन में भरोसा जता रहे हैं और पैनल वहां जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव (assembly elections ) कराने के लिए प्रोत्साहित है।’

Prachi Chaudhary

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