Bihar News : लैंड फ़ॉर जॉब मामले में आज लालू यादव परिवार को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है ।कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर लालू यादव ,राबड़ी देवी और मीसा भारती को जमानत दे दी है। अब इस मामले की सुनवाई 29 मैच को होगी । कोर्ट ने 27 फरवरी को लालू यादव परिवार समेत 14 अन्य के खिलाफ समन जारी किया था और कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था । इसके बाद लालू यादव ,राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत तेजस्वी यादव से सीबीआई ने घंटो पूछताछ की थी । लालू यादव पर सीबीआई का आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए की लोगो से नौकरी के बदले जमीन ली थी जिसकी कीमत करोड़ों की थी और कम कीमत दिखाकर उसकी रजिस्ट्री करवाई गई थी।
लैंड गोर जॉब का यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है। पांच महीने पहले सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी ।सीबीआई का कहना है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए ग्रुप डी की भर्ती में मनमाने तरीके से नियुक्तियां की थी और नौकरी के बदले जमीन का सौदा किया था । इस खेल में कई अधिकारी भी शामिल थे।
सीबीआई का कहना है कि जिन लोगो को नौकरी दी गई उनके डाकुमेंट भी सही नही पाए गए हैं ।उनके कई कागजात नकली और फर्जी हैं ।रेलवे ने इसी गलत कागजात पर नौकरी दी थी। इस तरह से सीबीआई ने ऐसे सात मामले की जांच करके खुलासा किया कि सात केस ऐसे है जो नौकरी के बदले जमीन की कहानी को आगे बढ़ाते हैं । एक मामला किशुनदेव राय का का है जिन्होंने नौकरी के बदले पटना में राबड़ी देवी के नाम 3375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3 लाख 75 हजार में राबड़ी देवी के हाथ बेच दी थी । इसी साल किशिनदेव राय के तीन लोगो को नौकरी दी गई।
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इसी तरह पटना के हो संजय राय ने भी राबड़ी देवी के हाथ 3375 वर्ग फीट जमीन 3 लाख 75 हजार में बेची और बदले में दो आदमी को मिली।पटना के हो किरण देवी ने मीसा भारती के हाथ 80905 वर्ग फीट जमीन बेची और बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई । इसी तरह पटना के ही हजारी राय ने 9527 वर्ग फीट जमीन बेची और अपने दो भतीजी को रेलवे में नौकरी दिलाई ।
इसी तरह लालबाबू राय और बृजनंदन राय से भी जमीन के बदले नौकरी दी गई ।लालबाबु राय ने 1360 वर्ग फीट राबड़ी देवी के हाथ बेची थी जबकि बृजनंदन यादव ने 3375 वर्ग फीट जमीन बेची थी। इन सभी के परिजनों को नौकरी दी गई ।
ईडी कहना है कि ये सारे खेल 600 करोड़ के हैं ।यह एक बड़ा घोटाला है ।जांच से पता चला कि 350 करोड़ का प्लॉट और 250 करोड़ के लेनदेन के तहत यह घोटाला किया गया है।