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‘ Like a VIP Maharaja’: ‘वीआईपी महाराजा’ की तरह, पंजाब में ‘भव्य काफिले’ को लेकर भाजपा, कांग्रेस ने केजरीवाल पर साधा निशाना

Like a VIP Maharaja : आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल बुधवार को विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना के केंद्र में आ गए, जब भाजपा और कांग्रेस ने उन पर बिना किसी संवैधानिक पद के वीआईपी काफिले के उपयोग को लेकर निशाना साधा। दोनों दलों ने केजरीवाल के भव्य काफिले को लेकर सवाल उठाए, जिसमें बुलेटप्रूफ लैंड क्रूज़र, सौ से अधिक पंजाब पुलिस कमांडो, जैमर और एंबुलेंस शामिल थीं। विपक्ष ने इसे आम आदमी की राजनीति का विरोधाभास बताते हुए कहा कि जो नेता कभी सादगी और पारदर्शिता की बात करते थे, वे अब वीआईपी संस्कृति के प्रतीक बन गए हैं। विशेष रूप से, यह मुद्दा तब और गरमा गया जब यह स्पष्ट हुआ कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वयं इस काफिले का हिस्सा नहीं थे, जिससे यह सवाल उठने लगा कि आखिर इतनी भव्य सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता क्यों पड़ी।

‘Like a VIP Maharaja’: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। इस बार विवाद का केंद्र बना है उनका “वीआईपी काफिला,” जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने जमकर आलोचना की है। भाजपा ने इसे “वीआईपी अहंकार का चरम” करार दिया, जबकि कांग्रेस ने भी उन पर तंज कसा।

भव्य काफिले पर भाजपा का हमला

मंगलवार को विपश्यना के लिए पंजाब पहुंचे अरविंद केजरीवाल को लेकर भाजपा ने सवाल उठाया कि बिना किसी संवैधानिक पद पर रहते हुए भी वह इतने बड़े सुरक्षा काफिले के साथ क्यों यात्रा कर रहे हैं। केजरीवाल पिछले महीने दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुके हैं और अब उन्होंने पंजाब में 10 दिवसीय विपश्यना सत्र में भाग लेने का निर्णय लिया है।

भाजपा नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मुद्दे पर केजरीवाल को घेरते हुए ग्रीक दार्शनिक प्लेटो का एक उद्धरण साझा किया और पंजाब के करदाताओं के पैसे के उपयोग पर सवाल उठाया। सिरसा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “जो अरविंद केजरीवाल कभी एक आम आदमी की छवि गढ़ने के लिए नीली वैगनआर में सफर करते थे, आज वे बुलेटप्रूफ लैंड क्रूज़र, 100 से अधिक पंजाब पुलिस कमांडो, जैमर और एंबुलेंस के भव्य काफिले में चलते हैं—मानो कोई आधुनिक युग का महाराजा हों, जो विपश्यना के नाम पर वैभव का प्रदर्शन कर रहे हों! सत्ता की कसौटी पर वे पूरी तरह असफल सिद्ध हुए हैं।

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विपश्यना, जो आत्मनिरीक्षण और शांति का मार्ग है, क्या उसके लिए करदाताओं के धन से वित्तपोषित यह राजसी सुरक्षा तामझाम आवश्यक है? यहां तक कि स्वयं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस काफिले का हिस्सा नहीं हैं! यह दिखाता है कि आम आदमी पार्टी का वास्तविक स्वरूप अब उजागर हो चुका है—मृगतृष्णा जैसी सादगी, मायाजाल जैसा छल और अहंकार की पराकाष्ठा!”

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कांग्रेस ने भी केजरीवाल पर कसा तंज

केजरीवाल की भव्य सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने भी उन पर हमला बोला। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि केजरीवाल शायद विधानसभा चुनाव में हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा,

Like ‘VIP Maharaja’, BJP, Congress target Kejriwal over ‘grand convoy’ in Punjab

“शायद वह हार को बर्दाश्त नहीं कर पाए। वह शांति की तलाश में और अपने स्वास्थ्य के लिए विपश्यना के लिए गए थे। मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हार-जीत राजनीति का हिस्सा है। अगर आप 100 कारों के काफिले के साथ चलते हैं, तो निस्संदेह कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचना जायज है।”

केजरीवाल का 10 दिवसीय विपश्यना सत्र

केजरीवाल मंगलवार को पंजाब के होशियारपुर पहुंचे, जहां वह बुधवार से शुरू होने वाले 10 दिवसीय विपश्यना सत्र में भाग लेंगे। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी उनके साथ हैं। वह होशियारपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित चोहल वन विश्राम गृह में रुके हैं।

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AAP सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल आनंदगढ़ गांव में स्थित धम्म धजा विपश्यना केंद्र (DDVC) में 10 दिन तक ध्यान साधना करेंगे। यह केंद्र विपश्यना के लिए जाना जाता है और यहां हर साल कई लोग आत्मचिंतन के लिए आते हैं।

ऐतिहासिक हार और राजनीतिक भविष्य

AAP ने 2015 से लेकर 2024 तक दिल्ली में शासन किया और 2015 व 2020 के चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज की थी। लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त मिली। आम आदमी पार्टी इस बार 70 में से सिर्फ 22 सीटें ही जीत सकी, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर केजरीवाल सरकार के वर्चस्व को समाप्त कर दिया।

AAP के कई बड़े नेता चुनाव हार गए, जिनमें मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती शामिल हैं। इस हार के बाद पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं और पार्टी का भविष्य भी अनिश्चित नजर आ रहा है।

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क्या है भाजपा और कांग्रेस का मुख्य आरोप?

भाजपा और कांग्रेस दोनों का कहना है कि एक साधारण नेता जो “आम आदमी” होने का दावा करता था, वह अब बुलेटप्रूफ कार, भारी सुरक्षा और लंबी-चौड़ी गाड़ियों के काफिले के साथ घूम रहा है। विपक्ष का आरोप है कि यह “आप” पार्टी की दोहरी नीति और वीआईपी संस्कृति के खिलाफ किए गए उनके वादों का खुला उल्लंघन है।

क्या कहती है आप पार्टी?

AAP की तरफ से अभी तक इस विवाद पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी के करीबी सूत्रों का कहना है कि विपश्यना के लिए जाने का फैसला व्यक्तिगत है और इसे राजनीतिक रंग देना गलत है।

हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि अरविंद केजरीवाल की वापसी के बाद AAP की राजनीतिक रणनीति क्या होगी और वह इस आलोचना का किस तरह जवाब देंगे।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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