बदायूं। जिला जज पंकज अग्रवाल ने प्रेमी युगल की हत्या में एक ही परिवार के चार लोगों को फांसी की सजा सुनायी है। इस मामले में युवक व युवती को माता, पिता ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। फांसी की सजा पाने वाले में दो सगे भाई व उनके माता पिता शामिल हैं।
कुल्हाड़ी से काटकर हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत दो सगे भाइयों को फांसी की सजा सुनाई है। प्रेमी युगल को शादी कराने के बहाने घर बुलाकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया गया था।
घर बुलाकर दोनों को कुल्हाड़ी से काट डाला था
वजीरगंज थाना क्षेत्र के उरैना गांव में 2017 में प्रेमी युगल को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था। प्रेमी युगल को शादी कराने के बहाने घर बुलाया था। इस दोहरे हत्याकांड में पांच साल बाद अब दो सगे भाइयों को और उनके माता पिता को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
गांव से भागकर दिल्ली रहने लगे थे प्रेमी-प्रेमिका
वजीरगंज थाना क्षेत्र के उरैना गांव में रहने वाले गोविंद (25) व आशा (22) पुत्री किशनपाल के बीच प्रेम संबंध थे। दोनों एक ही बिरादरी के थे। प्रेम प्रसंग के चलते दोनो गांव से फरार हो गए थे। प्रेमी-प्रेमिका के एक ही बिरादरी के थे, इसलिए बिरादरी वालों ने दोनों की शादी का प्रस्ताव उनके परिजनों के सामने रख दिया। इस पर दोनो के परिजन राजी हो गए।
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दोनों की शादी कराने के आश्वासन पर गोविंद व आशा दिल्ली से वापस गांव आ गये। 14 मई 2017 को गोविन्द शादी की बात करने आशा के घर गया तो परिजनों ने उसे नशीली चाय पिलाई। इसके उसके बाद उसकी कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। बाद आशा को भी उसके भाईयों व मां-पिता ने इसी कुल्हाडी से काटकर मार डाला। इस दोहरे हत्याकांड में गोविन्द के परिजनों ने आशा के भाई विजय पाल, रामवीर, मॉ जलधारा व पिता किशनपाल के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
युवती के पिता को शव फेंकते पडोसी महिला ने देख लिया था
बताया जाता है कि जब पिता किशनपाल गोविंद का शव घर से बाहर फेंक रहा था, तो पड़ोस में रहने वाली महिला ने पूरा वाकया देख लिया था। उसने शोर मचाया तो गांव के लोग इकट्ठा हो गए। तत्कालीन एसएसपी चंद प्रकाश भी मौके पर पहुंचे थे।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पुख्ता सबूतों चार्जशीट दाखिल की थी। जिला जज पंकज अग्रवाल ने गवाहों व सबूतों के आधार पर चारों गोविन्द व आशा का दोषी माना। इसके बाद अदालत ने सभी फांसी की सजा सुनायी।