Bulldozer News: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई पर अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे मामले में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। आश्रय का अधिकार मौलिक अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती तक ने स्वागत किया है। मायावती ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, आज के फैसले और बुलडोजर से तोड़फोड़ के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशा-निर्देशों के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि यूपी और अन्य राज्य सरकारें जनहित और जनकल्याण का सही और सुचारू ढंग से प्रबंधन करेंगी। बुलडोजरों का छाया आतंक अब निश्चित रूप से समाप्त होगा।
मौलाना अरशद मदनी ने फैसले का स्वागत किया
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, अदालत ने सही रुख अपनाया है। यह जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम उन जजों को बधाई देते हैं जिन्होंने लोगों के दिल की बात सुनी और उनकी समस्याओं को अपनी समस्या माना। ईश्वर करे कि हमारे देश में गरीबों को उनका हक दिलाने वाले ऐसे फैसले होते रहें। हमें लगता है कि यह फैसला बहुत अच्छा है।
मौलाना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर भी पोस्ट किया और कहा, उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी। साथ ही पोस्ट में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा अवैध बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया।
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“यह बहुत बड़ा फैसला है”
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव नियाज अहमद फारूकी ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, जमीयत उलेमा-ए-हिंद बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता है। यह बहुत बड़ा फैसला है, इस फैसले का असर पूरे देश पर पड़ेगा। यह फैसला किसी एक समुदाय के लिए नहीं है, किसी एक मामले के लिए नहीं है, किसी एक जगह के लिए नहीं है, यह सभी के लिए है।
यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, इसलिए यह पूरे देश में लागू होगा। इस फैसले का मतलब साफ है कि कानून के राज को खत्म नहीं किया जा सकता। जहां कानून का राज है, वहां इस तरह की बुलडोजर कार्रवाई की गुंजाइश नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारी को लेकर भी काफी सख्त टिप्पणी की और कहा कि जो अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। हम सभी जानते हैं कि बुलडोजर कार्रवाई एक खास समुदाय के खिलाफ ही हुई थी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद को उम्मीद है कि अब सरकारें सुप्रीम कोर्ट की इस गाइडलाइन का पालन करेंगी।
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