देवबंद: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी शनिवार को मुल्क के हित में बहुत बड़ी बात कह दी। उन्होने बिना किसी का नाम लिये कहा कि मुल्क में जो लोग नफरत का बाजार सजाने वाले में लगे हैं, वे देश से दुश्मन और गद्दार हैं। उन्होने कहा कि जैसे आग को कभी आग से नहीं, बल्कि पानी से ही बुझाया जा सकता, वैसे ही नफरत को नफरत से नहीं, मुहब्बत से मिटा सकते हैं। हम किसी भी कीमत को अपने वतन के बर्बाद नहीं होने देंगे।
मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के पहले दिन के सम्मेलन में कहा कि हमें हमारे देश में अजनबी बना दिया गया है। वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर वे भावुक हो गये, उनकी आवाज रुंध गयी। उन्होने कहा कि बेइज्जत होकर भी कैसे खामोश कैसे रहा जाता है, यह हम मुसलमानों से सीखें। उन्होने राष्ट्रभक्ति को सर्वोपरि मानते हुए कहा कि हम हर तरह के जुर्म सह लेंगे, लेकिन देश को आंच नहीं आने देंगे। देश के लिए हमने बहुत कुर्बानियां दीं हैं, इसे बर्बाद नहीं होने दे सकते।
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महमूद मदनी ने आगे कहा कि आज देश के हालात मुश्किल हैं, लेकिन मायूस होने की जरुरत नहीं है। देश में नफरत फैलाने वालों की तादाद बढने से हम अपने ही मुल्क में अजनबी बना दिये गये हैं। देश के हालात पर सरकारों की चुप्पी खतरनाक है। हम किसी भी कीमत पर वैसा तो नहीं करेंगे, जो वे चाहते हैं, लेकिन हम किसी का एक्शन प्लान भी पूरा नहीं होने देंगे। आज मदनी ने मंदिर-मस्जिद विवाद पर सीधे-सीधे अभी कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारे ही इशारे में बहुत कुछ कह भी दिया। अब देखना यह है कि इस संदर्भ में इस जमात की ओर से क्या-क्या प्रस्ताव पारित किये जाते हैं।