दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला। उन्होने कहा कि सपा के लोग ही मुझे राष्ट्रपति बनाये जाने का प्रचार कर रहे हैं। उन्होने आरोप लगाया कि मुसलमानों और दूसरे लोगों के खिलाफ जो भी दुष्प्रचार किया जा रहा है, उसके लिए समाजवादी पार्टी ही जिम्मेदार है। मायावती ने कहा कि मै सीएम और पीएम बनाने के सपना तो देख सकती हूं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं।
उधर मायावती से खास सिपलहार सतीश चन्द्र मिश्रा और बसपा विधानमंडल नेता उमा शंकर सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। बसपा के इस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा और प्रदेश के खस्ताहाल पड़े स्मारकों की स्थिति के सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने का अनुरोध किया।
एक लंबे समय के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती गुरुवार को मीड़िया से रुबरू हुईं। उन्होने प्रदेश में माहौल बिगाड़ने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। यहां यह बता दें कि अखिलेश यादव बुधवार को मैनपुरी में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए थे, तो पत्रकारों से बातचीत में उन्होने बसपा सुप्रीमो मायावती पर तंज कसते हुए कहा था कि विधान सभा चुनाव में भाजपा ने बसपा को वोट दिये थे, अब भाजपा क्या मायावती को राष्ट्रपति बनायेगी।
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अखिलेश यादव के इसी तंज का आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने करारा जबाब दिया। उन्होने सपा की नीयत और नीति पर कई सवाल खड़े किये। मायावती ने कहा कि विधान सभा चुनाव में बसपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए बीजेपी और सपा ने मिलकर चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम को रंग दिया और इसका परिणाम यह निकला कि भाजपा फिर से सत्ता पर काबिज हो गयी।
मायावती की सपा प्रमुख अखिलेश यादव से इस हद तक नाराज दिखायी दीं कि उन्होने सपा को मुसलमानों को धोखा देने और अखिलेश यादव के विदेश जाने तक की बात कह दी। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने कहा कि सपा के कमजोर प्रदर्शन के कारण ही प्रदेश में दोबारा बीजेपी की सरकार बनने में कामयाब रही। उन्होने सपा की कमजोर स्थिति के कारण ही बीजेपी की प्रचंड जीत का कारण बताया। उन्होने चुनावों के दौरान बसपा की निष्क्रियता और एक ही सीट जीतने के संबंध में कुछ भी नहीं कहा।