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Mental Health: सिलाई और बुनाई, मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान! नई स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Mental Health: Sewing and knitting, a boon for mental health! Shocking revelation in new study

नई दिल्ली – सिलाई, बुनाई और अन्य क्राफ्टिंग(Crafting) गतिविधियों को अक्सर केवल एक शौक या खाली समय बिताने का तरीका माना जाता है, लेकिन हालिया अध्ययन(Research)में यह खुलासा हुआ है कि ये गतिविधियां आपकी मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकती हैं। सिलाई और बुनाई (sewing and knitting) न केवल क्रिएटिविटी (Creativity) को बढ़ाती हैं, बल्कि मानसिक तनाव(Mental Health) को कम करने, ध्यान केंद्रित(Concentrate) करने और आत्म-संतुष्टि (Self-Satisfication) प्राप्त करने का भी एक शानदार साधन साबित हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन साधारण दिखने वाली गतिविधियों के पीछे मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की बड़ी संभावनाएं छिपी हैं।

स्टडी में क्या खुलासा हुआ?


हाल ही में की गई स्टडी में पाया गया है कि सिलाई और बुनाई (sewing and knitting)जैसी आर्ट और क्राफ्ट (art and craft) से जुड़ी गतिविधियां मस्तिष्क को शांत करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं। इस स्टडी में विभिन्न आयु वर्गों के लोगों को शामिल किया गया, जिनसे उनकी मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक गतिविधियों के बीच संबंध पर शोध किया गया।

अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले रहे। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग नियमित रूप से सिलाई, बुनाई, पेंटिंग, कढ़ाई या अन्य क्राफ्टिंग गतिविधियों में शामिल थे, उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा। उनमें तनाव और चिंता के स्तर में कमी आई, साथ ही ध्यान केंद्रित करने और रचनात्मक सोच में भी वृद्धि हुई।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए आर्ट और क्राफ्ट के फायदे


विशेषज्ञों के अनुसार, सिलाई और बुनाई जैसी गतिविधियां एक प्रकार की ‘माइंडफुलनेस’ प्रैक्टिस हैं। जब व्यक्ति इन गतिविधियों में संलग्न होता है, तो वह पूरी तरह से वर्तमान क्षण में होता है, जिससे भविष्य की चिंताओं और अतीत की पछतावाओं से दिमाग मुक्त हो जाता है। यह मानसिक शांति का अनुभव कराने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, आर्ट और क्राफ्ट से जुड़े कार्यों के निम्नलिखित मानसिक लाभ हैं:

  1. तनाव कम करना : सिलाई और बुनाई जैसी गतिविधियों में व्यक्ति अपने पूरे ध्यान को एक ही कार्य पर केंद्रित करता है। यह ‘फोकस्ड मेडिटेशन’ का एक रूप है, जो मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा, यह गतिविधि व्यक्ति को संतोष और पूर्णता का अनुभव कराती है, जिससे आत्म-संतुष्टि का भाव पैदा होता है।
  2. रचनात्मकता को बढ़ावा : सिलाई और बुनाई जैसे शिल्प कार्यों में रचनात्मकता का प्रयोग होता है। नए डिज़ाइन बनाना, रंगों का चयन करना और अलग-अलग तरीकों से कपड़े तैयार करना मस्तिष्क को प्रेरित करता है। यह व्यक्ति की रचनात्मक क्षमता को बढ़ावा देता है और उसे नई-नई चीज़ें सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  3. मानसिक थकान को कम करना : मानसिक थकान को कम करने के लिए यह गतिविधियाँ एक शानदार तरीका हो सकती हैं। जब आप कुछ नया बनाते हैं, तो आपके मस्तिष्क को एक नई ऊर्जा मिलती है। यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और व्यक्ति को फिर से ताजगी महसूस होती है।
  4. ध्यान और एकाग्रता में सुधार : सिलाई और बुनाई जैसी गतिविधियाँ मस्तिष्क के उन हिस्सों को सक्रिय करती हैं, जो ध्यान और एकाग्रता से जुड़े होते हैं। नियमित रूप से इन गतिविधियों में शामिल होने वाले लोग बेहतर फोकस और मानसिक स्पष्टता की रिपोर्ट करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का क्या कहना है?
    मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक बीमारियों जैसे तनाव, अवसाद और चिंता को कम करने में आर्ट और क्राफ्ट बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। मशहूर मनोवैज्ञानिक डॉ. सुष्मिता ने बताया, “जब व्यक्ति किसी क्रिएटिव एक्टिविटी में संलग्न होता है, तो उसका मस्तिष्क डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव करता है, जो खुशी और संतुष्टि के भाव पैदा करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “सिलाई, बुनाई और पेंटिंग जैसी गतिविधियाँ व्यक्ति को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका देती हैं। यह प्रक्रिया एक प्रकार की थेरेपी की तरह काम करती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करती है।”

आर्ट और क्राफ्ट थेरेपी के रूप में उभर रहे हैं


आर्ट और क्राफ्ट का उपयोग केवल शौक के रूप में नहीं हो रहा है, बल्कि इनका इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य थेरेपी के रूप में भी किया जा रहा है। कई चिकित्सक अब आर्ट थेरेपी को अपने इलाज का हिस्सा बना रहे हैं, ताकि मरीजों को तनाव, अवसाद और मानसिक समस्याओं से उबरने में मदद मिल सके।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्ट थेरेपी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, जिसमें रोगियों को चित्रकला, शिल्प, बुनाई और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। यह न केवल उन्हें उनके मानसिक विकारों से उबरने में मदद करता है, बल्कि उन्हें अपने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में भी सहायक साबित हो रहा है।

कैसे शुरू करें सिलाई और बुनाई?


अगर आप अपनी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सिलाई या बुनाई जैसी गतिविधियों को अपनाना चाहते हैं, तो शुरुआत में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स से शुरुआत करें। बाजार में कई ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं उपलब्ध हैं, जहाँ से आप सिलाई और बुनाई के मूल सिद्धांत सीख सकते हैं। इसके बाद, धीरे-धीरे आप इस शौक को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं।

Mansi Negi

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