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Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मानसून की मार,बारिश से भारी नुकसान, उत्तरकाशी में आरेंज अलर्ट

Monsoon hits Uttarakhand, heavy damage due to rain, orange alert in Uttarkashi

उत्तराखंड में मानसून की बारिश इस वर्ष आफत बनकर आई है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है और व्यापक क्षति पहुंचाई है। इस बारिश के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में सड़कों, घरों, और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र को भी गंभीर चुनौती दी है।

उत्तरकाशी में आरेंज अलर्ट जारी

आज उत्तरकाशी जिले में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने आरेंज अलर्ट जारी किया है। आरेंज अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति सामान्य से अधिक खतरनाक हो सकती है और इससे जानमाल के नुकसान का भी खतरा होता है। इस अलर्ट के चलते प्रशासन और आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

दून में 58 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा

जुलाई के अंतिम दिन, देहरादून में मानसून ने अपने तीखे तेवर दिखाए। पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश ने 58 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस वर्ष हुई अत्यधिक बारिश ने लोगों के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। देहरादून में बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। जुलाई 2024 में देहरादून में 31 जुलाई को 24 घंटे के भीतर 175 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। इससे पहले 6 जुलाई 2023 को 124 मिमी, 3 जुलाई 2022 को 113 मिमी, और 22 जुलाई 2021 को 125 मिमी बारिश हुई थी। 2020 में 5 जुलाई को 94 मिमी, 2019 में 2 जुलाई को 53 मिमी, और 2018 में 28 जुलाई को 90 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। वहीं, 2017 में 13 जुलाई को 112 मिमी, 2016 में 23 जुलाई को 78 मिमी, और 2015 में 11 जुलाई को 115 मिमी बारिश हुई थी। सबसे ज्यादा बारिश 25 जुलाई 1966 को हुई थी, जब 487 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

आपदा प्रबंधन के लिए प्रशासन अलर्ट पर

राज्य भर में हो रही लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति भी बन रही है। प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को नदी-नालों के पास जाने से मना किया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। प्रशासन द्वारा बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि, भारी बारिश के कारण सड़कों और पुलों को हुए नुकसान से राहत कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है ।उत्तराखंड में इस वर्ष का मानसून जनजीवन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर आया है।

Mansi Negi

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