Heavy Rain in Tehri: टिहरी में कुदरत का कहर, रातभर बरसी आफ़त, बस्ती तबाह, लोग बाल-बाल बचे
टिहरी में रातभर हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी, वाल्मीकि बस्ती में मलबा घुसने से कई घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। करीब 29 परिवार प्रभावित हुए जबकि निर्माणाधीन केंद्रीय विद्यालय की दीवार भी ढह गई। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है और नगर पालिका अध्यक्ष ने दीर्घकालिक समाधान की मांग उठाई है।
Heavy Rain in Tehri: उत्तराखंड में मानसून की आधिकारिक दस्तक भले ही अभी न हुई हो, लेकिन टिहरी जिले में बारिश ने बीती रात ऐसा कहर बरपाया कि पूरा इलाका आपदा की चपेट में आ गया। जिला मुख्यालय के पास स्थित वाल्मीकि बस्ती में रातभर मूसलधार बारिश हुई, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। तेज बारिश के साथ आए मलबे ने बस्ती को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। कई घरों को नुकसान पहुंचा, वाहन मलबे में दब गए और लोग रात के अंधेरे में अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए।
रात 3 बजे शुरू हुआ जलप्रलय
स्थानीय निवासी दीपक कुमार ने बताया कि बस्ती के ऊपर बना एक नाला पूरी तरह से जाम हो चुका था। जैसे ही रात को तीन बजे तेज बारिश शुरू हुई, सारा पानी और मलबा सीधे बस्ती की ओर आ गया। महज दस मिनट में ही पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि लोगों के सीने तक पानी भर गया। दीपक ने बताया, “मेरे घर के चार लोग पानी में फंस गए थे, जिन्हें हमारे रिश्तेदारों ने दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला। अगर कुछ देर और हो जाती, तो शायद आज हम जिंदा न होते।”
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29 परिवार प्रभावित, कई वाहन बहे
तेज बारिश के कारण मलबा कई घरों में घुस गया, जिससे कम से कम 29 परिवार प्रभावित हुए हैं। दो कारें, दो बाइक और एक स्कूटी पूरी तरह से मलबे में दब गईं। कई लोग रात भर घरों में फंसे रहे, जिन्हें पड़ोसियों ने बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला। जिला प्रशासन और स्थानीय लोग रातभर राहत और बचाव कार्यों में जुटे रहे।
प्रशासन सक्रिय, राहत का भरोसा
उप जिलाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि प्रभावित परिवारों के लिए तात्कालिक राहत की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा, “हम हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। राशन, दवाइयां और अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था की जा रही है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।”
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निर्माणाधीन केंद्रीय विद्यालय की दीवार गिरी
बारिश का प्रभाव केवल बस्तियों तक ही सीमित नहीं रहा। नई टिहरी में 33-34 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा केंद्रीय विद्यालय भी इसकी चपेट में आ गया। विद्यालय परिसर की सुरक्षा दीवार बारिश के कारण ढह गई। सौभाग्यवश, यह हादसा रात को हुआ, जिससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। निर्माण एजेंसी कृष्णा बिल्डर्स के इंचार्ज सौरभ जैन ने बताया कि दीवार गिरने से लगभग 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, लेकिन मुख्य इमारत सुरक्षित है। उन्होंने कहा, “हम समय पर बिल्डिंग की गुणवत्ता की जांच कराते हैं। नुकसान की भरपाई के लिए मुआवज़ा मांगा जाएगा।”
नगर पालिका अध्यक्ष ने जताई चिंता
टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत ने स्थिति का जायजा लेते हुए कहा कि शहर में जहां-जहां मलबा आने के कारण सड़कें बंद हुई हैं, उन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। आंचल डेरी के पास की सड़क बार-बार बंद हो जाती है, जिसका कारण सेंट्रल स्कूल के निर्माण से आ रहा मलबा है। उन्होंने स्कूल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बारिश के मौसम से पहले मलबे को हटवाया जाए।
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इसके साथ ही उन्होंने एक अहम मुद्दा उठाते हुए कहा, “नई टिहरी शहर को टिहरी बांध परियोजना के कारण बसाया गया था, इसलिए परियोजना के तहत शहर के रखरखाव के लिए हर वर्ष 8-10 करोड़ रुपये सीएसआर मद से मिलने चाहिए। टिहरी बांध ने पुराने शहर को डुबोया और नया शहर बसाया, इसलिए इसकी जिम्मेदारी भी वही निभाए।”
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