Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में अब जय श्री राम कहने वाला होगा आतंकवादी!
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है। अमेरिकी चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए चिंता जताई थी, जो इस बात का संकेत है कि पश्चिमी देश यूनुस सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं।
Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में दिन पे दिन हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और नफरत बढ़ती जा रहीं है। अब इस नफरत और हिंसा ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब बांग्लादेश की पुलिस ने हिंदू धार्मिक संगठन इस्कॉन को आतंकवादी संगठन बता दिया है। पुलिस का दावा है कि देश में हो रही सांप्रदायिक हिंसा में इस्कॉन के सदस्य शामिल हैं। इससे पहले इस्कॉन के वरिष्ठ प्रचारक चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ भी देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इस घटना से बांग्लादेश में हिंदू संगठनों और उनके अनुयायियों में चिंता की लहर फैल गई है।
कट्टरवाद से सरकारी षडयंत्र तक
कट्टरपंथ से लेकर सरकारी साजिश तक बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूह लंबे समय से हिंदुओं को निशाना बनाते रहे हैं, लेकिन अब हिंदू संगठनों को सीधे तौर पर सरकार और पुलिस द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। सवाल उठता है कि इस्कॉन जैसे धार्मिक संगठनों पर गंभीर आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं? सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर बांग्लादेश पुलिस और सेना के खुफिया विभाग ने दावा किया है कि इस्कॉन की गतिविधियां हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। ‘जय श्री राम’ कहने वालों को अब आतंकवादी करार दिया जा रहा है, जो बांग्लादेश सरकार की तानाशाही सोच को उजागर करता है।
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मानवता की सेवा करने वाला संगठन आतंकवादी कैसे हो सकता है?
बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा की तस्वीरें अक्सर सामने आती रहती हैं, जिसमें अपराधी अक्सर इस्कॉन के भगवाधारी अनुयायी नहीं होते। बल्कि, जब देश में बाढ़ या अकाल जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आती हैं, तो इस्कॉन के साधु-संत हमेशा मदद के लिए आगे आते हैं। इस्कॉन के अनुयायी लोगों को भोजन, दवा और राहत सामग्री मुहैया कराते हैं। इसके बावजूद इस्कॉन को हिंसा और आतंकवाद से जोड़ना बांग्लादेश सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और राजनीतिक खेल
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ रहा है। अमेरिकी चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए चिंता जताई थी, जो इस बात का संकेत है कि पश्चिमी देश यूनुस सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं। इसके अलावा अवामी लीग ने मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में शिकायत दर्ज कराई है। अगर यह शिकायत स्वीकार कर ली जाती है तो यूनुस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय जांच शुरू हो सकती है, जिससे उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।
इस्कॉन को निशाना बनाने की राजनीति
विश्लेषकों का मानना है कि मोहम्मद यूनुस सरकार का असली मकसद बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लंबा खींचना है। हिंदुओं को परेशान करके और इस्कॉन जैसे संगठनों पर झूठे आरोप लगाकर यूनुस अपनी सत्ता बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, इस्कॉन के अनुयायी इस साजिश से इनकार करते हैं और कहते हैं कि वे धर्म के रास्ते पर चलते हैं और राजनीति से दूर रहते हैं। बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह हिंदुओं और कृष्ण भक्तों के साथ अन्याय है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की जरूरत है।