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Pakistan Electricity Crisis:पाकिस्तान में आर्थिक हालात हुए बदतर,ऊर्जा जरूरतों के लिए नहीं बची विदेशी!

आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत इन दिनों खस्ताहाल है.जिसको देखते हुए पाकिस्तान ने ऊर्जा लागत में कमी करने के लिए मंगलवार को देश में नई गाइडलाइन जारी की हैं.पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने आदेश दिया है कि, बाजारों, मैरिज हॉल आदि को जल्दी से बंद किया जाए.बाजारों को रात्रि 8.30 और जबकि, रेस्टोरंट एवं मैरिज हॉल को रात्रि 10 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान (pakistan) में आने वाले कुछ महीनों में बड़ा ऊर्जा संकट खड़ा होने वाला है.दरअसल, पाकिस्तान इन दिनों विदेशी मुद्रा भंडार की तंगी से गुजर रहा है और पाकिस्तान अपनी ऊर्जा जरूरत तक को पूरा नहीं कर पा रहा है.आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत इन दिनों खस्ताहाल है.जिसको देखते हुए पाकिस्तान ने ऊर्जा लागत में कमी करने के लिए मंगलवार को देश में नई गाइडलाइन जारी की हैं.पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने आदेश दिया है कि, बाजारों, मैरिज हॉल आदि को जल्दी से बंद किया जाए.बाजारों को रात्रि 8.30 और जबकि, रेस्टोरंट एवं मैरिज हॉल को रात्रि 10 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे.

शहबाज सरकार का मानना है कि, इससे ऊर्जा की खपत में कमी आएगी और जिसका सीधा असर, ऊर्जा लागतों पर पड़ेगा.जिसकी वजह से पाकिस्तान को करीब 60 बिलियन की बचत होगी.इतना ही नहीं ऊष्मीय बल्बों का उत्पादन 1 फरवरी और ज्यादा बिजली खपत करने वाले पंखो का उत्पादन जुलाई से बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया गया है.जिसको लेकर पाकिस्तान को करीब 22 बिलियन की और सहायता मिलेगी.


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साथ ही सरकार के कामकाज में खपत होने वाली कुल बिजली में करीब 30 प्रतिशत की कमी लाने के लिए सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के आदेश दिए गए हैं.सूरज की ही रोशनी में जिससे आशा है कि, 62 बिलियन पाकिस्तानी रूपयों की बजत होगी.विदेशी ऑयल पर निर्भरता कम करने के लिए साल के अंत तक देश में इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल को शामिल किया जाएगा.इस सब से पाकिस्तान के जानकारों का मानना है कि, बिजली की मांग में करीब 9000 मेगावॉट प्रति दिन की कमी आएगी.या मौजूदा जरूरतों से आधी भी हो सकती है.

पाकिस्तान में पिछले आठ महीने से जारी राजनीतिक अस्थिरता और इस साल की बाढ़ ने देश को आर्थिक तौर पर बहुत नुकसान पहुंचाया है.पाकिस्तान में लगातार जारी अनिश्चितता की वजह से न सिर्फ़ पूंजी निवेश प्रभावित हुआ है बल्कि आर्थिक घाटा भी बढ़ा है.पाकिस्तान को आने वाले कुछ महीनों में विदेशी कर्ज के रूप में करीब 30 अरब डॉलर की अदायगी करनी है.लेकिन, पाकिस्तान के फॉरेन एक्सचेंज कोष में मात्र 6 अरब डॉलर के क़रीब हैं.

अतुल कुमार वरिष्ठ पत्रकार

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