PM Modi interact Paralympics Athletes: दो बार के पैरालिंपिक सिल्वर मेडल विजेता डिस्कस थ्रोअर योगेश कथुनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान कहा, “दूसरों के लिए आप पीएम मतलब प्रधानमंत्री हैं लेकिन हम सभी पैरा एथलीटों के लिए आप पीएम मतलब परम मित्र हैं।” भारतीय पैरा एथलीटों ने पेरिस पैरालिंपिक में रिकॉर्ड 29 पदक जीते, जिसमें सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य पदक शामिल हैं। भारतीय टीम मंगलवार को वापस लौटी और प्रधानमंत्री मोदी ने यहां अपने आवास पर उनका स्वागत किया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से पैरालिंपिक में अपने अनुभव साझा करने को कहा।
पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले कथुनिया ने कहा, “आपके कारण ही हमारे प्रदर्शन में निरंतरता बनी हुई है। यह आपके द्वारा शुरू की गई योजनाओं के कारण ही संभव हो पाया है। सबके लिए पीएम का मतलब प्रधानमंत्री होता है लेकिन हमारे लिए आप सबसे अच्छे दोस्त हैं।”
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे इस पर गर्व है। मैं भी आप सभी के साथ मित्र की तरह काम करना चाहता हूं।”
लगातार दूसरे पैरालिंपिक में गोल्ड जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने कहा कि, टोक्यो में गोल्ड जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी से किया वादा पूरा करके अच्छा लग रहा है।
उन्होंने कहा, “यह मेरा लगातार दूसरा गोल्ड मेडल है। जब मैं टोक्यो से गोल्ड जीतकर वापस आया था, तो आपने मुझसे वादा लिया था कि आपको ऐसे दो और गोल्ड चाहिए। इसलिए सर, यह दूसरा गोल्ड आपके लिए है।”
उन्होंने कहा, “20 अगस्त को आपसे बात करने से पहले मैं थोड़ा नर्वस था लेकिन आपसे बात करने के बाद मुझे प्रेरणा मिली। मैं अपनी पूरी टीम की ओर से आपका धन्यवाद करता हूं क्योंकि हमने सोचा था कि जब हम मेडल लेकर लौटेंगे तो आपसे मिल पाएंगे और बात कर पाएंगे।”
दृष्टिबाधित जूडो में भारत को पहला ब्रोंज मेडल दिलाने वाले कपिल परमार ने कहा, “मैंने 2021 से अब तक 16 प्रतियोगिताएं खेली हैं और कई मेडल जीते हैं। मेरा डर दूर हो गया। मैं कोचों को भी धन्यवाद दूंगा क्योंकि दृष्टिबाधित को संभालना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। उनका हाथ थामकर ही मंजिल मिलती है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने पैरा एथलीटों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इससे दिव्यांगों के प्रति लोगों का नजरिया बदला है।
उन्होंने कहा, “भगवान ने आपको कुछ शारीरिक समस्याओं के बावजूद अतिरिक्त शक्ति दी है। आप जीतने या हारने से नहीं डरते। आप पर कोई बोझ नहीं है और यही आपकी सबसे बड़ी खूबी है।”
उन्होंने कहा, “आपके माध्यम से मैं देश में एक सांस्कृतिक बदलाव देख रहा हूं। मैं लोगों का आपके प्रति नजरिया बदलना चाहता हूं। नजरिया बदल रहा है। आपका योगदान समाज में एक बड़ा बदलाव ला रहा है। आपने सभी दिव्यांगों में यह विश्वास पैदा किया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। मेडल मायने नहीं रखते। आपको बहुत-बहुत बधाई।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कोच और सहयोगी स्टाफ की भी तारीफ की और कहा, “हर खेल में सहयोगी स्टाफ बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है। खास तौर पर पैरा एथलीटों के साथ। इसके लिए समर्पण की आवश्यकता होती है। पैरा एथलीटों के कोचों के पास असाधारण कौशल होते हैं क्योंकि आप सामान्य एथलीटों को तकनीक सिखा सकते हैं लेकिन आप पैरा एथलीटों को जीवन जीने का तरीका सिखा सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो एफ41 कंपटीशन में गोल्ड मेडल जीतने वाले नवदीप सिंह की विशेष रूप से प्रशंसा की। बौने नवदीप ने जैवलिन थ्रो के अपने हाथ पर प्रधानमंत्री का ऑटोग्राफ भी लिया।
जब उन्होंने प्रधानमंत्री को टोपी पहनाने की कोशिश की तो प्रधानमंत्री बैठ गए और कहा, “दिखाओ कि तुम मुझसे बड़े हो।”
बिना बांह की पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने भी मोदी को ऑटोग्राफ वाली टी-शर्ट दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज मुझे शीतल का ऑटोग्राफ मिला।”