PM Modi Kanyakumari Meditation: नरेंद्र मोदी नहीं ‘योगी’ कहिए, साधना- एकाग्र और दिव्य चट्टानों में शांति का जोर!
PM Modi Kanyakumari Meditation
PM Modi Kanyakumari Meditation: क्या 2024 के रण को जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान साधना कर रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि कोई व्यक्ति ध्यान साधना में कैमरा लेकर जाए, क्या आपने कभी देखा है कि कोई शख्स अगर मन साधना और एकाग्र साधना करता है तो उसके आसपास कैमरों का भंडार हो। तस्वीरें हर रोज सामने आएं।
ये सवाल आज विपक्षी नेताओं की ओर से दागे जा रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर…. जो आज ध्यान साधना, एकाग्र साधना और समंदर की लहरों के बीच में शांतएकावास कर रहे हैं। आज लोकसभा का शोर थम चुका है।.तो दूसरी ओर विवेकानंद रॉक की इस दिव्य चट्टान के ध्यान मंडपम में शंति का जोर है।
यहां का एकातं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौन साधना का साक्षी है और साक्षी है वो दिव्यतम अनुभूति जो लहरों के बीच यहां पसरी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी योगी की भांति ने जप के साथ तप की उस साधना में खुद को झोंक दिया है…जिसमें समर्पण और त्याग का ही भाव होता है…इस भाव के साथ प्रधानमंत्री 140 करोड़ भारतवासियों को शायद फिर से ये समझाना चाहते हैं कि उनके पास अपना कुछ भी नहीं है। वो किसी बंधन…किसी माया…किसी मोह में नहीं है…बल्कि समस्त भारतवासी ही उनकी माया मोह और बंधन के पर्याय हैं।वो ये भी समझाना चाहते होंगे कि उनके पास न तो खोने के लिए कुछ है और न ही पाने के लिए कुछ है और जो वो कहते हैं आए हैं कि राष्ट्र ही उनका परिवार है…और उसी परिवार के लिए वो हैं…बिल्कुल उस साधु के लिए जो सिर्फ जनकल्याण और राष्ट्र कल्याण की धुन में मगन रहता है…मोदी का ये एक मौन संदेश…सातवें चरण के मतदान में उसी शांति के साथ वोटों में बदल सकता है…जिस शांति के साथ मोदी आज साधना में मगन हैं।
पीएम मोदी ने जहां ध्यान लगाया, वहीं स्वामी विवेकानंद भी तब देशभर में घूमने के बाद पहुंचे थे और यहां तीन दिन तक ध्यान में लीन रहे और एक विकसित भारत का सपना देखा था…. मोदी ने भी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दिया है…और विकसित भारत का सपना देखा है। कहा जाता है कि 132 वर्ष पहले इस शिला पर ध्यान के बाद स्वामी विवेकानंद एक भारत श्रेष्ठ भारत और विकसित भारत का संकल्प लेकर आए थे…प्रधानमंत्री मोदी के मन में भी 2047 तक विकसित भारत का सपना है…कहते हैं ध्यान मन की ऊर्जा को संचारित कर देता है…और मस्तिष्क को नई दिव्यता प्रदान करता है। लंबे थका देने वाले चुनाव प्रचार के बाद अब प्रधानमंत्री को एकांत में खुद से साझात्कार करने का अवसर मिला है..और जब भी प्रधानंमत्री इस तरह से ध्यान के बाद बाहर आए हैं…एक नई स्फूर्ति और नई उर्जा से लबरेज नजर आए हैं।