PM Modi Visited Wayanad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 10 अगस्त को केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में पहुंचे। उन्होंने चूरलामाला में पैदल चलकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि मोदी कन्नूर एयरपोर्ट से वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए वायनाड पहुंचे। उन्होंने 30 जुलाई को भारी भूस्खलन से प्रभावित चूरलामाला इलाके में पैदल चलकर नुकसान का जायजा लिया। इससे पहले पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन प्रभावित चूरलामाला, मुंडक्कई और पुंचरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया था।
अधिकारियों के मुताबिक हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम मोदी का हेलिकॉप्टर कलपेट्टा के एसकेएमजे विद्यालय में उतरा। यहां से वे सड़क मार्ग से चूरलामल्ला के लिए रवाना हुए। चूरलामल्ला में सेना ने आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया है। मोदी नुकसान का जायजा लेने के लिए इस ब्रिज पर पैदल गए। पीएम मोदी ने बचावकर्मियों, राज्य के मुख्य सचिव वी वेणु और वी जिले के अधिकारियों से बातचीत की, फिर पत्थरों और मलबे से भरे इलाके का पैदल ही सर्वेक्षण किया।
पीएम मोदी ने किया हवाई सर्वेक्षण
इस दौरान केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय पर्यटन तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी उनके साथ थे। अधिकारियों ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने भूस्खलन का केंद्र देखा, जो इरुवाझिंजी पुझा (नदी) के उद्गम पर है। उन्होंने सबसे अधिक प्रभावित इलाकों पुंचरीमट्टम, मुंडक्कई और चूरलामल्ली का भी जायजा लिया। वायनाड और चूरलामल्ला के बीच प्रधानमंत्री के काफिले के मार्ग पर उनकी एक झलक पाने के लिए सैकड़ों लोग सड़क किनारे जमा हो गए। केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को भूस्खलन में 226 लोगों की मौत हो गई थी। इलाके में अभी भी कई लोग लापता हैं।
सूचना मिलते ही बुलाई गई समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री ने वायनाड त्रासदी की सूचना मिलते ही 30 जुलाई को समीक्षा बैठक की। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना और नौसेना को लगाने के निर्देश दिए थे। सेना और केंद्रीय बलों के तीनों अंगों के साथ ही अग्निशमन और नागरिक सुरक्षा के 1200 से अधिक जवान मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में लगे थे। सेना ने वायनाड में प्रभावित क्षेत्र में तेजी से 190 फीट का वेलफुट स्थापित कर आवागमन को सुचारू कर दिया। इससे राहत कार्य के लिए एंबुलेंस और भारी मशीनरी की आवाजाही संभव हो सकी। केंद्र ने क्षेत्र का दौरा करने के लिए एक अंतर मंत्रालयी टीम भी भेजी है, जो 8 अगस्त से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रही है।