1st Bodoland Mahotsov: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को शाम करीब 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित SAI इंदिरा गांधी खेल परिसर में प्रथम बोडोलैंड महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।
दो दिवसीय महोत्सव 15 और 16 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। यह शांति बनाए रखने और जीवंत बोडो समाज के निर्माण के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति पर एक बड़ा आयोजन है। इसका उद्देश्य न केवल बोडोलैंड में बल्कि असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल और उत्तर पूर्व के अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले स्वदेशी बोडो लोगों को एकीकृत करना है। मोहोत्सव का विषय ‘समृद्ध भारत के लिए शांति और सद्भाव’ है, जिसमें बोडो समुदाय के साथ-साथ बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अन्य समुदायों की समृद्ध संस्कृति, भाषा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका उद्देश्य बोडोलैंड की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत, पारिस्थितिक जैव विविधता और पर्यटन क्षमता की समृद्धि का लाभ उठाना है।
गौरतलब है कि मोहोत्सोव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से सुधार और लचीलेपन की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाने के बारे में भी है। इस शांति समझौते ने न केवल बोडोलैंड में दशकों से चले आ रहे संघर्ष, हिंसा और जानमाल के नुकसान को हल किया, बल्कि अन्य शांति समझौतों के लिए उत्प्रेरक का काम भी किया।
महोत्सव का मुख्य आकर्षण “भारतीय विरासत और परंपराओं में योगदान देने वाली समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपरा और साहित्य” पर सत्र होगा, जिसमें समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपराओं, भाषा और साहित्य की एक श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया जाएगा। “राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के माध्यम से मातृभाषा माध्यम से शिक्षा की चुनौतियाँ और अवसर” पर एक और सत्र भी आयोजित किया जाएगा। बोडोलैंड क्षेत्र के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “स्वदेशी सांस्कृतिक बैठक और संस्कृति और पर्यटन के माध्यम से ‘जीवंत बोडोलैंड’ क्षेत्र के निर्माण पर चर्चा” पर विषयगत चर्चा भी आयोजित की जाएगी।
इस समारोह में बोडोलैंड क्षेत्र, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, भारत के अन्य भागों तथा पड़ोसी राज्यों नेपाल और भूटान से पांच हजार से अधिक सांस्कृतिक, भाषाई और कला प्रेमी शामिल होंगे।