Rajasthan Udaipur News: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी 3 अक्टूबर 2024 को राजस्थान के उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि, यह तीव्र परिवर्तन का समय है, जो ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हो रहा है। उन्होंने छात्रों को हमेशा “छात्र भावना” बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि निरंतर कड़ी मेहनत और समर्पण उनके जीवन भर काम आएगा।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को अपनी महत्वाकांक्षाओं और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता एक स्वाभाविक गुण है। कुछ लोग अपने परिवेश, शिक्षा और संस्कारों के कारण अंधे स्वार्थ का रास्ता अपना लेते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों का भला करना ही अपना कल्याण करने का एकमात्र तरीका है।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे ऐसा कुछ न करें जिससे उनका चरित्र खराब हो। उन्होंने कहा कि उच्चतम नैतिक मूल्य उनके व्यवहार और कार्यशैली का हिस्सा होने चाहिए। उनके जीवन के हर पहलू में ईमानदारी होनी चाहिए। उनका हर कार्य न्यायपूर्ण और नैतिक होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि, शिक्षा सशक्तिकरण का सर्वोत्तम माध्यम है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय छह दशकों से अधिक समय से उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय के छात्रों में बड़ी संख्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से है। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण योगदान है।
राष्ट्रपति को इस बात को सुनकर खुश हुई कि, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने कई गांवों को गोद लिया है और छात्रों को गांव के विकास में शामिल किया है। उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति विश्वविद्यालय के सजग रवैये की सराहना की।