लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने माफिया मुख्तार अंसारी को सात साल की सजा सुनायी है। उन्हें यह सजा 19 साल पुराने मामले में बुधवार को सुनायी। हालांकि मुख्तार पहले ही बांदा जेल में बंद है। उन्हें इस मामले में सजा के संबंध में कागजात बांदा जिला प्रशासन को भेज दिये गये हैं।
थाना आलमबाग में 2003 में हुआ था मामला दर्ज
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ 2003 में लखनऊ के थाना आलमबाग में मामला दर्ज कराया था। यह रिपोर्ट तत्कालीन जेलर एस.के.अवस्थी की ओर से दर्ज करायी गयी थी। मुख्तार ने जेलर के उनसे मिलने आने वालों की तलाशी लेने पर एतराज किया था। मुख्तार अंसारी ने जेलर एसके अवस्थी को गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।
निचली अदालत ने कर दिया था बरी
आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी थी। लेकिन इस मामले में निचली अदालत ने मुख्तार को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
यह भी पढेंः ट्रेन हादसाः डीडीयू-गया रेल रुट पर मालगाड़ी के 20 डिब्बे हुए डिरेल, जहां-तहां घंटों खड़ी रहीं दर्जन भर ट्रेन
लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच के एकल पीठ के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट बेंच ने इस मामले में सरकार की अपील पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकाने का दोषी करार दिया। उन्होने उसे इस मामले में दो साल की सजा सुनायी है।