Punjab News: पंजाब में पराली जलाने पर सख्ती, नई SOP के तहत लगेगा भारी जुर्माना और निगरानी बढ़ी
पंजाब सरकार ने पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। इस SOP के तहत किसानों पर अब पहले से कहीं अधिक सख्ती की जाएगी। जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है और तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था को लागू किया गया है। सरकार का लक्ष्य इस बार पराली जलाने की घटनाओं में कड़ाई से अंकुश लगाना है।
Punjab News: पंजाब सरकार ने पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। इस SOP के तहत किसानों पर अब पहले से कहीं अधिक सख्ती की जाएगी। जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है और तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था को लागू किया गया है। सरकार का लक्ष्य इस बार पराली जलाने की घटनाओं में कड़ाई से अंकुश लगाना है।
जुर्माने की नई दरें तय
नई SOP के तहत भूमि के आकार के अनुसार जुर्माना तय किया गया है:
दो एकड़ से कम भूमि पर पराली जलाने पर – 5,000 रुपए
दो से पांच एकड़ पर – 10,000 रुपए
पांच एकड़ से अधिक पर – 30,000 रुपए
अगर कोई किसान बार-बार पराली जलाने की घटना में शामिल पाया गया या जुर्माना नहीं चुकाता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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गांवों की जोखिम के आधार पर श्रेणियां
सरकार ने गांवों को पिछले वर्षों की घटनाओं के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा है:
अत्यधिक जोखिम – 30 से अधिक घटनाएं
मध्यम जोखिम – 10 से 30 घटनाएं
कम जोखिम – 1 से 10 घटनाएं
इन श्रेणियों के अनुसार गांवों में जागरूकता अभियान, निगरानी और प्रवर्तन रणनीतियां अलग-अलग तरीके से लागू की जाएंगी।
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कार्रवाई की तय समय सीमा
नई SOP में हर पराली जलाने की घटना के लिए निर्धारित समयसीमा तय की गई है:
48 घंटे में फील्ड जांच
7 कार्य दिवसों में चालान
15 दिनों के भीतर जुर्माने की वसूली
विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारियां
तीन प्रमुख विभाग – राजस्व, कृषि और पर्यावरण – मिलकर कार्य करेंगे:
राजस्व विभाग – स्थल निरीक्षण, चालान और वसूली
कृषि विभाग – किसानों को जागरूक करना और वैकल्पिक उपायों का प्रचार
PPCB – निगरानी और रिपोर्टिंग का कार्य
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तकनीक आधारित निगरानी और ‘शून्य सहनशीलता’ नीति
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अपनी बैठक में दोहराया कि पराली जलाने को लेकर अब ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति लागू की जाएगी। सैटेलाइट डेटा, रीयल-टाइम डैशबोर्ड और चालान प्रणाली से निगरानी को और मजबूत किया गया है। PPCB के फील्ड स्टाफ को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया है।
सरकार का यह कदम पराली जलाने की समस्या से निपटने की दिशा में एक व्यवस्थित और कठोर प्रयास है, जिसका उद्देश्य पंजाब की वायु गुणवत्ता को सुधारना और प्रदूषण को कम करना है।
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