Road Protest Uttarakhand: मुख्यमंत्री के ‘गड्ढा मुक्त सड़क’ अभियान पर सवाल, पौड़ी के ग्रामीणों ने घटिया डामरीकरण का किया विरोध
पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक में ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई के तहत हो रहे घटिया सड़क निर्माण का विरोध किया है। मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त सड़क अभियान के बावजूद सड़कें एक हफ्ते में ही टूटने लगी हैं। ग्रामीणों ने सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए 10 जून तक कार्रवाई की मांग की है।
Road Protest Uttarakhand: प्रदेश में सड़कें गड्ढा मुक्त और सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के तहत राज्यभर में युद्धस्तर पर सड़क मरम्मत और निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत हो रहे डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
सोमवार को कल्जीखाल ब्लॉक के कई गांवों के ग्रामीण एकजुट होकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बौंसाल-पिपला-टेका-मिर्चोड़ा और बौंसाल-मुंडेश्वर-कल्जीखाल मार्ग पर डामरीकरण कार्य हाल ही में शुरू हुआ था, लेकिन सड़कें एक सप्ताह के भीतर ही उखड़ने लगी हैं। इससे निर्माण की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
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मानकों की अनदेखी का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क परियोजना लंबे समय से लंबित थी, जिसे हाल ही में मंजूरी मिली। लेकिन जिस तरह से सड़क निर्माण किया जा रहा है, उससे साफ झलकता है कि निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री गुणवत्ता विहीन है। उनका आरोप है कि डामर की परत न केवल पतली है बल्कि तकनीकी मानकों को भी नजरअंदाज किया गया है। इससे सड़कें जल्द ही क्षतिग्रस्त हो जाएंगी और करोड़ों की लागत बर्बाद हो जाएगी।
सरकारी धन की बर्बादी और चेतावनी
ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते इस पर संज्ञान नहीं लिया गया, तो उन्हें उग्र आंदोलन करना पड़ेगा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने 10 जून तक सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे कलक्ट्रेट कूच कर बड़ा आंदोलन करेंगे।
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प्रशासन से नहीं मिला जवाब
इस गंभीर मामले पर जिलाधिकारी आशीष चौहान समेत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जुड़े अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी ने भी फोन कॉल्स का उत्तर नहीं दिया। इससे ग्रामीणों में प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर और भी नाराजगी देखी जा रही है।
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राज्य सरकार के मिशन पर असर
मुख्यमंत्री धामी द्वारा प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त और टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से जो अभियान चलाया गया है, उसमें इस तरह की अनियमितताएं न केवल सरकार की छवि को प्रभावित करती हैं, बल्कि जनता के भरोसे को भी चोट पहुंचाती हैं। पौड़ी जिले का यह मामला सरकार और प्रशासन दोनों के लिए एक चेतावनी है कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन पर सख्त निगरानी रखी जाए।
पौड़ी जिले के ग्रामीणों की नाराजगी और उनकी मांगें प्रशासन के लिए एक गंभीर संकेत हैं। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल आंदोलन की दिशा ले सकता है, बल्कि राज्य सरकार की ‘गड्ढा मुक्त सड़क’ पहल को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर सकता है।
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