Rahul Gandhi: राहुल का राजनीतिक चक्रव्यूह, क्या उत्तर-दक्षिण में फंसेगी BJP ?
Rahul Gandhi: Rahul's political maze, will BJP get stuck in North-South?
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद सियासत गरमा गई है। दरअसल राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली सीट से प्रतिनिधित्व किया था और दोनों ही जगहों से उन्हें जीत भी मिली है। जिसके बाद उनको 40 दिन के अंदर दोनों में से किसी एक सीट से इस्तीफा देना था और इसे लेकर सबकी नजर उन पर टीकी हुई थी। हालांकि उन्होंने 18 जून यानी कल वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद सब यही सोच रहे हैं कि आखिरकार राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट को छोड़ के रायबरेली को क्यों चुना। जबकि वायनाड लोकसभा सीट से राहुल को उस समय जीत मिली थी जब उनका पॉलिटिकल करियर ठीक नहीं था।
इस्तीफा के बाद वायनाड से लोकसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार की भी पुष्टि कर दी गई है। बता दें कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी रायबरेली सीट से सांसद बने रहेंगे और इसके साथ ही प्रियंका गांधी वायनाड से लोकसभा उपचुनाव लड़ेगी। इस घोषणा के बाद प्रियंका गांधी की चुनावी राजनीति की पारी शुरू करने का रास्ता भी साफ हो गया है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की उसके बाद राहुल के रायबरेली से सांसद बने रहने और प्रियंका को वायनाड से उपचुनाव में उम्मीदवार बनाने का एलान किया है। इसी के साथ प्रियंका गांधी ने वायनाड से उम्मीदवार बनाए जाने पर अपनी खुशी जाहिर की और चुनावी राजनीति में उतरने के बाद कांग्रेस के भरोसे को कायम रखने का वादा भी किया।
लेकिन क्या राहुल गांधी के वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने से कांग्रेस की मुश्किलें में बढ़ सकती हैं? दरअसल राहुल गांधी 2019 में वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे उस दौरान वह लगभग 4 लाख सीटों से जीत मिली थी। इस बार भी राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन 6% वोट में गिरावट देखने को मिली थी तो वहीं वायनाड लोकसभा सीट से अब प्रियंका का राजनीतिक सफर शुरु होने जा रहा है लेकिन इस बार प्रियंका के विपक्ष में Annie Raja चुनाव लड़ने वाली हैं।
Annie Raja कौन हैं
एनी राजा भारत के राजनीति के सबसे अधिक पहचाने जाने वाली चेहरों में से एक हैं। वह लगातार महिलाओं के अधिकारों के लड़ाई में सबसे आगे रहती हैं। इस देश में जहां महिला अधिकारों की मांग को हमेशा नजरअंदाज कर दिया जाता था, वहीं उसी अधिकार के लिए विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुई हैं। एक रोड शो में एनी ने कहा था कि “मैं कभी किसी पर निर्भर नहीं रही”।
राहुल गांधी ने क्यों छोड़ी वायनाड की सीट
रायबरेली लोकसभा सीट हॉट सीटों में से एक हैं इसके साथ ही 1952 के चुनाव के बाद से सबसे अधिक बार गांधी परिवार के पास रायबरेली लोकसभा की सीट रही है। राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी ने यहीं से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे और जीत भी हासिल की थी। वहीं इंदिरा गांधी, राजीव गांधी भी यहां से चुनाव जीत चुके है। ऐसे में गांधी परिवार की विरासत वाली सीट को राहुल गांधी छोड़ने का निर्णय नहीं ले सकते हैं। इसिलिए उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ राजनीतिक एंगल समझा जाये तो राहुल गांधी भले ही रायबरेली से सांसद बन जाये लेकिन प्रियंका गांधी को वायनाड के सीट से लड़ने का साफ मतलब यही है कि कांग्रेस ने आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इसी के साथ कही ना कही उत्तर और दक्षिण की समिति बनाने की तैयारी की जा रही है क्योंकि राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा है कि दोनों ही राज्यों को 2 सांसद मिलने वाले हैं।
खरगे के आवास पर हुई बैठक
बता दें कि इसका फैसला करने के लिए ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास 10 राजाजी मार्ग पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ लंबी बैठक की थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बैठक के बाद राहुल और प्रियंका संग बाहर आकर दोनों की मौजूदगी में कांग्रेस के इन दोनों अहम फैसलों का एलान किया। वहीं इस मामले में राहुल ने बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि वायनाड में दलीय सीमाओं से परे सभी लोगों के प्यार को वे पूरी जिंदगी याद रखेंगे और उसे किया वादा भी पूरा करेंगे। इसलिए प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ाया जा रहा है।राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड और रायबरेली को दो-दो सांसद मिलेंगे। वहीं इस मामले में प्रियंका ने कहा कि रायबरेली और अमेठी से कोई भी रिश्ता कभी टूट ही नहीं सकता है।