देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के बाद अब बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जहां उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड में बारिश कम हो गई है, वहीं इन राज्यों में बाढ़ की स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले दिनों में देशभर में बारिश कम होने की संभावना है, लेकिन कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति ने विकराल रूप ले लिया है। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं।
बाढ़ का कहर
उत्तर प्रदेश और बिहार में बाढ़ की स्थिति काफी भयावह हो चुकी है। बीते दिनों उत्तराखंड और अन्य उत्तरी राज्यों में हुई भारी बारिश के कारण गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। इन नदियों का पानी बिहार और उत्तर प्रदेश के निचले इलाकों में घुस चुका है, जिससे बाढ़ की स्थिति विकट हो गई है। बिहार के दियारा क्षेत्र में लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं, और यहां तक की लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।
बाढ़ के कारण बिहार का उत्तर प्रदेश से सड़क संपर्क भी टूट गया है। नेशनल हाईवे 21 का एक हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया है, जिससे आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। छपरा, देवरिया और गोपालगंज के इलाकों में सरयू नदी का पानी रिहायशी क्षेत्रों में घुस चुका है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बिहार के बक्सर, भोजपुर, बेगूसराय, सारण, गोपालगंज, बांका और भागलपुर जैसे जिलों में नदियां उफान पर हैं। इन इलाकों में बाढ़ का पानी फैल चुका है, जिससे लोगों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर जिला प्रशासन ने स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं, जैसे कि आरा (भोजपुर) में 149 और बेगूसराय में 125 विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। रोहतास के पास सोन नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण इंद्रपुरी बैराज से भी पानी छोड़ा गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।
दिल्ली-एनसीआर का हाल
दिल्ली-एनसीआर में भी बीते दिनों भारी बारिश ने लोगों को परेशान किया था, लेकिन अब मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में मौसम साफ रहने की संभावना है। अगले कुछ दिनों तक यहां बारिश की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि, मौसम में थोड़ी ठंडक महसूस होने लगी है, जिससे दशहरा से पहले ठंड की आहट महसूस की जा सकती है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली से मानसून की वापसी की सामान्य तारीख 25 सितंबर है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बन रही एक नई मौसम प्रणाली के कारण यह तारीख आगे बढ़ सकती है। इसका मतलब है कि दिल्ली में मानसून की वापसी के साथ बारिश फिर से दस्तक दे सकती है, जिससे मौसम में और ठंडापन आ सकता है।
बाढ़ से ग्रस्त अन्य राज्य
बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा, देश के अन्य राज्यों में भी बाढ़ की स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश के कई हिस्से भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। इन राज्यों में प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ग्रेटर नोएडा में बाढ़ का कहर: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में जहां जेवर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, वहां के आसपास के इलाकों में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। रनहेरा गांव का 80% हिस्सा बाढ़ के पानी में डूब चुका है, जिससे वहां के लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। बच्चों के स्कूल बंद हैं, और लोग अपने रिश्तेदारों या अन्य सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि प्रशासन इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।
IMD का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना कम है। हालांकि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में एक नई मौसम प्रणाली बन रही है, जिससे अगले हफ्ते से देश के उत्तर-पूर्वी और पूर्वी तटीय राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। खासकर 22 सितंबर के बाद पूर्वी तट और उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।
IMD के अनुसार, मानसून की वापसी की तारीख 25 सितंबर है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बन रही नई प्रणाली के कारण मानसून की वापसी में देरी हो सकती है। इससे आने वाले दिनों में कुछ राज्यों में फिर से बारिश होने की संभावना है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है।