Rajasthan School Accident: झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने सेहादसा, 7 मासूमों की मौत, कई बच्चों की हालत गंभीर
राजस्थान के झालावाड़ से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। यहां एक सरकारी स्कूल की छत अचानक गिर गई, जिससे मलबे में दबकर 4 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और परिजनों में कोहराम मच गया।
Rajasthan School Accident: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोद गांव में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को मातम में डुबो दिया। मनोहरथाना ब्लॉक स्थित एक सरकारी स्कूल की जर्जर छत अचानक ढह गई, जिससे दर्जनों बच्चे मलबे में दब गए। इस त्रासदी में अब तक 7 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 30 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
सुबह 10 बजे हुए इस हादसे के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों और स्टाफ ने मिलकर बच्चों को बचाने का प्रयास किया, वहीं प्रशासन ने भी तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। हादसे ने न सिर्फ पीपलोद गांव बल्कि पूरे क्षेत्र को सदमे में डाल दिया है।
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हादसे की वजह बनी जर्जर छत और मूसलाधार बारिश
बताया जा रहा है कि यह हादसा शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे हुआ, जब बच्चे अपनी कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। तभी अचानक स्कूल की छत तेज बारिश के चलते भरभराकर गिर गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह छत लंबे समय से जर्जर थी और बारिश ने इसकी स्थिति और भी खराब कर दी थी।
मलबे में दबे थे 25 से ज्यादा बच्चे
हादसे के वक्त कक्षा में लगभग 40 बच्चे मौजूद थे। छत गिरते ही करीब 25 से अधिक बच्चे मलबे के नीचे दब गए। ग्रामीणों, स्कूल स्टाफ और प्रशासन ने जेसीबी मशीनों की मदद से तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला गया। घायलों को पहले मनोहरथाना अस्पताल ले जाया गया, जहां से 11 बच्चों को गंभीर हालत में झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जताया शोक
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “सभी घायलों का इलाज राज्य सरकार के खर्चे पर कराया जाएगा। इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” मंत्री ने जिलाधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी से भी बात कर मौके की जानकारी ली है।
पहले से थी छत की हालत खराब
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल भवन की हालत लंबे समय से खराब थी। ग्रामीणों और अभिभावकों ने कई बार छत की मरम्मत को लेकर प्रशासन को अवगत कराया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नतीजतन, यह लापरवाही मासूम बच्चों की जान पर भारी पड़ गई।
गांव में पसरा मातम
घटना के बाद पूरे पीपलोद गांव में मातम छा गया है। जिन घरों के बच्चे स्कूल गए थे, अब उनके माता-पिता उन्हें अस्पतालों और मलबे में तलाशते नजर आ रहे हैं। गांव के हर कोने से चीख-पुकार और आंसुओं की आवाजें सुनाई दे रही हैं।
प्रशासन और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों और पीड़ित परिवारों ने सरकार से मांग की है कि ऐसी लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो और सभी स्कूल भवनों की जांच कराई जाए। “हम नहीं चाहते कि किसी और मां की गोद फिर से सूनी हो, अब समय है कि सरकार स्कूलों की हालत पर गंभीरता से ध्यान दे,” – एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा।
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